शिमला : हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने 2.63 करोड़ के धोखाधड़ी मामले में पूर्व डीजीपी के बेटे अमिल मन्हास की अग्रिम जमानत याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। न्यायाधीश अनूप चिटकारा ने आरोपित अमिल मिन्हास की कोर्ट में जमानत याचिका की सुनवाई के दौरान कहा कि जांच को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रार्थी को हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है। आरोपी को कोर्ट से 23 सितंबर को अंतरिम अग्रिम जमानत मिली हुई थी। दरअसल ऊना में एक्साइज विभाग के साथ शराब की 2 फर्मों द्वारा करीब 2 करोड़ 63 लाख की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में एक्साइज विभाग ने विजिलेंस में मामला दर्ज करवाया और दोनों फर्मों को बकाया राशि जमा करवाने के लिए नोटिस भी जारी किए थे। जब एक्साइज विभाग ने अपने पास जमा एफडीआर चैक करवाई तो वो भी फर्जी पाई गईं।
विजिलेंस थाना ऊना में मन्हास पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 465, 467, 471 और 34 व इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी अधिनियम की धारा 61 के तहत 5 सितंबर को प्राथमिकी दर्ज की गई थी। ऑडिट के दौरान पाया गया था कि शराब की फर्मों के लाइसेंस धारक रोहित कुमार द्वारा जमा किए गए ई-चालान का सत्यापन नहीं हो पा रहा है। सत्यापन के लिए सौंपे गए ई-चालान फर्जी भी पाए गए। जांच में यह भी पाया गया है कि अमिल मन्हास द्वारा दिया गया चेक बाउंस हो गया।
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