सोलन: पिछले वर्षों की तुलना में इस बार अपराध में कमी दर्ज की गई है। जिसका बडा कारण शहर में तीसरी आंख के पहरे सहित पुलिस की मुस्तैदी है। हांलाकि चिट्टे का कारोबार बढ़ा है। लेकिन पुलिस ने नशेड़ियों को भी हवालत का रास्ता दिखाया है। पुलिस ने बीते वर्ष करीब एक हजार मामले दर्ज किए थे। जिनमें से ज्यादातर मामलों को पुलिस द्वारा सुलझाया गया है। यह जानकारी पुलिस अधीक्षक मधुसूधन शर्मा ने संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए दी।
गौरतलब है की नशा तस्करों के खिलाफ पुलिस द्वारा चलाई गई मुहित रंग ला रही है। ये ही कारण है कि पुलिस ने बीते वर्ष एनडीपीएस एक्ट के तहत 108 मामलों में 164 नशेड़ियों को हवालात की सैर करवाई है। जिसमें आठ विदेशी मूल के नागरिक भी शामिल हैं। सोलन पुलिस कप्तान की आगुवाई में पुलिस ने एक किलो 265 ग्राम चिट्टा, 2 किलो 8 सौ ग्राम अफीम, 14 किलो चरस इसके अतिरिक्त13 हजार 5 सौ 61 भाग के पौधों को पकड कर नशेड़ियों के मंसूबो को तोडा है। इसके अलावा 32 मामले महिलाओं से दुष्कर्म के दर्ज किए गए हैं। वहीं पुलिस सरकार के लिए कमाऊ पुत का कार्य कर रही है।
पुलिस ने बीते वर्ष 61 हजार 6 सौ 11 वाहनों के चलान कर 1 करोड 78 लाख का राजस्व सरकारी खजने को दिया है। बावजूद इसके सरकार सोलन मे उचित पार्किग बनाने में असफल साबित रही है। जिसका दंश आमजन को झेलना पड रहा है। हर दिन उनके वाहनों के चालान हो रहे हैं। बात करते हुए पुलिस अधीक्षक मधुसूधन शर्मा ने बताया कि पिछले वर्षों की तुलना 2019 में अपराधों में कमी दर्ज की गई है। उन्होंने कहा कि विगत वर्ष शराब पीकर गाडी चालने वाले करीब 3 हजार लोगों के चालान किए गए हैं। साथ ही 58 चोरी की घटनाए दर्ज की गई हैं। साथ ही एक किलो से अधिक चिट्टा बरामद कर करीब 150 लोगों को हवालात की सैर करवाई गई है। उन्होंने सभी से सहयाग की अपील की है। ताकि नशे के काले कारोबार पर नकेल कसी जाए।
सोलन के स्थानीय मंत्री एंव समाजिक न्याय एंव अधिकारिता मंत्री राजीव सैजल से जब पार्किग व्यवस्था को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने भी रट्टा रटाया जवाब देकर यह कह दिया कि संवदेनशील व जागरूक सरकार इस विषय में गंभीर है। लेकिन दो वर्षों में संवेदनशील व जागरूक सरकार को होश नहीं थी। जिससे आमजन की खून पसीने की कमाई सरकारी खजाने में लूट गई व हालात भी जस की तस है। निश्चित तौर पर पुलिस के कार्यों की नशे के विरुद्ध कार्रवाई पर सराहना की जानी चाहिए।
हालत यह है कि उचित पार्किग व्यवस्था न होने के बावजूद पुलिस ने सरकारी खजाने में डेढ करोड से अधिक का राजस्व जमा किया है। लेकिन संवदेनशील सरकार सोलन में पार्किग व्यवस्था सुदृढ़ करने में नाकामयाब साबित हुई है। निश्चित तौर पर एक वर्ष में पौणे दो करोड से अधिक चालान दास्तां बयां कर रहे हैं कि लोग किस तरह पार्किग की व्यवस्था से परेशान हैं।