शिमला : देश भर में लगातार तथाकथित संतो और बाबाओं के कारनामे जनता के सामने आ रहे हैं। कई बाबा जेल में सड़ रहे तो कई अब भी जनता और प्रशासन की नजरों से बचकर लोगों को चूना लगा रहे हैं। ऐसे ही राजधानी शिमला से सटे सुन्नी इलाके में डेरा जमा कर लोगों की आस्था से खिलवाड़ कर रहे एक फर्जी बाबा की सच्चाई का पुलिस ने पर्दाफाश किया। समाधि के नाम पर अंतर्ध्यान हुए बाबा के रहस्य से जब पर्दा उठा, तो लोगों के होश उड़ गए।
दरअसल सुन्नी के बसन्तपुर के चिलधार स्थित महाकाल के मंदिर में देवेंद्र नाथ नाम का एक बाबा पिछले कुछ सालों से अपने चेलों संग डेरा जमाए हुए था। इस तथाकथित बाबा के पास आसपास के इलाके से काफी लोगों की भीड़ जुटने लग गई। पिछले दिनों पहले नवरात्रे में बाबा ने लोगों के समक्ष भू-समाधि ले ली। बाबा के चेलों ने 5 फुट के गड्ढे को ढकने के बाद उसे ऊपर से फट्टे से बन्द कर दिया। नवरात्रों में यहां रोजाना भागवत कथा चलती रही। बाबा के समाधि में लीन होने की बात इलाके में आग की तरह फैल गई और लोग बाबा को चमत्कारिक महापुरुष मानकर मंदिर में एकत्रित होने लगे।
बाबा के चेलों की तरफ से प्रचार किया जाने लगा कि भू-समाधि में जाने के बाद बाबा अंतर्ध्यान हो गए हैं। इस वाक्य ने प्रशासन के खुफिया तंत्र को भी अचंभे में डाल दिया। मामला सुन्नी पुलिस के पास पहुंचा और तफ़्तीश में उसके अंतर्ध्यान होने का दावा झूठा निकला।पुलिस के मुताबिक तथाकथित बाबा समाधि से निकलकर उज्जैन चला गया था और इन दिनों भी उज्जैन में हैं। पुलिस के समक्ष यह राज़ बाबा के ही चेलों ने खोला। दरअसल रात के संत मंदिर में बाबा के चेले ही रहते थे। जबकि श्रद्धालु भागवत के बाद अपने-अपने घर लौट जाते थे।
पुलिस ने लोगों से गुमराह न होने और अफवाहों पर ध्यान देने की अपील की है। शिमला के डीएसपी दिनेश शर्मा में कहा कि छानबीन में 5 फुट गहरे गड्ढे में समाधि के निशान नहीं मिले हैं। तथाकथित बाबा के उज्जैन में होने की सूचना है। शिमला लौटने पर उनसे पूछताछ कर आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।