एमबीएम न्यूज/नाहन
ग्राम पंचायत पराड़ा के शिक्षा खंड ददाहू के तहत आने वाले शाखा प्राथमिक विद्यालय धील-कंघाह बिन अध्यापक के चल रही है। हैरानी इस बात की है कि जीपीएस मथान के साथ इस पाठशाला को 2011 में बच्चों की संख्या कम होने के कारण अटैच किया गया था, वहां भी अध्यापक नहीं हैं। वार्षिक परीक्षाएं सिर पर हैं। ऐसे में विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों को यह समझ में नहीं आ रहा कि उनके बच्चों की परीक्षाएं कौन लेगा।
एसएमसी अध्यक्ष यशपाल ने सोमवार को डीसी सिरमौर के माध्यम से मुख्यमंत्री को इस संबंध में ज्ञापन भी भेजा है। गौरतलब है कि इस पाठशाला में कार्यरत एकमात्र अध्यापिका का चयन टीजीटी के पद पर होने के कारण वह नई जगह नए पद पर ज्वाइन कर गई है। इस स्कूल में फिलहाल 10 के करीब छात्र अध्ययनरत हैं। वहीं इसकी मुख्य ब्रांच जीपीएस मथान में 21 छात्र अध्ययनरत हैं। यानि 31 छात्रों को मात्र एक अध्यापिका अभी तक पढ़ा रही थी। एसएमसी ने इस स्कूल का दर्जा बहाल करने की मांग की है। यहां अनुसूचित जाति बहुल छात्र अध्ययनरत हैं।
तर्क यह भी है कि भौगोलिक रूप से यह पाठशाला अन्य पाठशालाओं से लगभग पांच किलोमीटर दूर है। जंगली रास्ता है। नौनिहालों को हर समय खतरे के साए में पढ़ने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। एसएमसी अध्यक्ष यशपाल, पीटीएफ प्रधान देवराज ठाकुर के अलावा दो दर्जन से अधिक एसएमसी सदस्यों ने दोनों पाठशालाओं में तत्काल प्रभाव से अध्यापक भेजने की सरकार से मांग की है, ताकि छात्रों का भविष्य सुरक्षित हो सके।
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