एमबीएम न्यूज़ /शिमला
हिमाचल प्रदेश में कर्मचारियों के अनुबंध कार्यकाल को तीन साल से घटाकर दो साल करने से जयराम सरकार ने इंकार कर दिया है। वर्तमान में तीन साल का अनुबंध कार्यकाल पूरा होने पर कर्मचारियों को नियमित किया जाता है। सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ इस कार्यकाल को घटाकर दो साल करने की मांग कर रहा है और पिछले दिनों इसे लेकर महासंघ की तरफ से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी सौंपा गया । महासंघ का कहना है कि विस चुनावों के दौरान भाजपा ने अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने का समय दो साल करने का वायदा किया था। ऐसे में प्रदेश में भाजपा सरकार ने एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। मगर अभी तक चुनावी घोषणा को पूरा नहीं किया है।
सोमवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने लिखित जवाब में बताया कि नियमितीकरण के लिए अनुबंध कर्मचारियों के कार्यकाल को तीन साल से घटाकर दो साल करने का सरकार का कोई विचार नहीं है। कांग्रेस के विक्रमादित्य सिंह ने इसे लेकर सवाल पूछा था। विधायक ने यह जानना चाहा कि क्या सरकार की अनुबंध कार्यकाल को तीन साल से कम करने की योजना है। सनद रहे बीते शनिवार को हुई प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने 31 मार्च व 30 सितंबर 2019 तक तीन साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हजारों अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की मंजूरी दी है।
गगरेट के विधायक राजेश ठाकुर और आनी के विधायक किशोरी लाल के एसएमसी शिक्षकों को लेकर पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने बताया कि एसएमसी शिक्षकों के लिए नीति बनाने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है। सुरेश भारद्वाज ने कहा कि इस समय प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 2700 एसएमसी शिक्षक कार्यरत हैं। जनजातीय क्षेत्रों के स्कूलों में पिछले तीन माह और गैर जनजातीय इलाकों में जहां पिछले छह महीनों से कोई शिक्षक नहीं हैं। वहां पर जरूरत के मुताबिक एसएमएस शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने के लिए स्कूल की प्रबंधन समिति को अधिकृत किया गया है।
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