एमबीएम न्यूज़/शिमला
धारा-118 के तहत भूमि खरीदने की स्वीकृतियों के मामले में कथित अवैध लेन देन को लेकर विजीलेंस के राडार पर आए पूर्व मुख्य सचिव पी मित्रा के वॉयस सेम्पल लेने के लिए विजीलेंस ने कोर्ट में अर्जी पेश की है। विजीलेंस की ओर से जिला कोर्ट में पेश की गई इस अर्जी पर आज सुनवाई हुई, लेकिन जज वीरेंद्र सिंह की अदालत ने वॉयस सेम्पल पर कोई फैसला नहीं सुनाया और अब यह मामला सुनवाई के लिए 10 अक्टूबर को लगा है।
पी मित्रा वर्तमान में राज्य चुनाव आयुक्त हैं। धारा-118 के तहत जमीन खरीदने की अनुमतियों की एवज में अवैध वसूली की आशंका में विजीलेंस हाल ही में दो बार पी मित्रा सहित दो कारोबारियों से पूछताछ कर चुकी है।
यह मामला आठ साल पुराना है। साल 2010 को शिमला में बस पुराने बस अड्डे के समीप विजिलेंस एक कार की तलाशी के दौरान पांच लाख रुपए बरामद किए थे। इस कार में दो व्यापारी थे। इसको लेकर विजिलेंस ने मार्च 2011 को विजिलेंस थाना में पीसीए की धारा- आठ के तहत एफआईआर दर्ज की थी।
बता दें कि विजिलेंस ब्यूरो धारा 118 की मंजूरी के लिए पैसों का लेनदेन करने की जांच कर रहा है। विजिलेंस के पास इसके लिए सबूत के तौर पर एक सीडी है। इसमें रिकार्ड बातचीत की पुष्टि करने के लिए विजीलेंस आवाज़ के नमूने लेना चाह रही है। अब वॉयस सैंपलिंग के आधार पर विजिलेंस के पास इस बात का पुख्ता सबूत होगा कि फोन पर जिन लोगों ने जमीनी सौदों को लेकर बातचीत की है वह आरोपियों की है या नहीं।
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