वी कुमार/मंडी
सरकार के द्वारा शुरू की गई ई-फार्मेसी के विरोध में प्रदेश भर में शुक्रवार को दवाईयों की निजी दुकानें बंद रही। मंडी जिला में भी इस हड़ताल का असर देखने को मिला। मंडी में भी ई-फार्मेसी के विरोध में दवाईयों की सभी निजी दुकानें बंद रही। मंडी शहर में निजी दवाई विक्रेताओं ने शहर में काले रिबन लगा कर मौन रैली निकाली। एडीसी के माध्यम से सरकार को अपना एक मांग पत्र सौंपा। दवाई विक्रेताओं से सरकार से अपील की है कि ई-फार्मेसी आम लोगों के लिए सही फैसला नहीं है। इसके कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
दवाई विक्रेताओं का मानना है कि ऑनलाइन दवाई कोई भी बिना प्रिस्क्रिप्शन के मंगवा सकता है। कुछ दवाईयों का लोग या युवा दुरूपयोग भी कर सकते हैं। इसलिए दवाई विक्रेताओं ने सरकार से ई-फार्मेसी को बंद करने का आहवान किया है। वहीं शहर में निजी दवाई की दुकानों के बंद रहने से सरकारी दवाई की दुकानों में लोगों की भीड़ देखने को मिली। जिन लोगों को दवाई विक्रेताओं की हड़ताल के बारे में जानकारी नहीं थी, उन लोगों को दवाईयां न मिलने से खासी पेरशानियों का सामना करना पड़ा।
लोगों का कहना है कि अगर लोगों को दवाईयां ऑनलाइन सस्ती मिल रही हैं तो दवाई विक्रेताओं को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। लोगों का कहना है कि अब ऑनलाइन का जमाना है और इससे आम लोगों को फायदा ही होगा। लोगों के अनुसार दवाई विक्रेताओं की हड़ताल बिल्कुल भी जायज नहीं है। लोगों का मनना है कि ई-फार्मेसी से आम लोगों को उनकी सहुलियत के हिसाब से दवाईयां मिल रही है। साथ ही दवाई विक्रेता भी उन दवाईयों को रखकर लोगों को दे सकते हैं।