मंडी (वी कुमार): हिमाचल प्रदेश के अनछुए स्थानों पर शूटिंग करना फिल्म निर्माताओं के लिए टेड़ी खीर साबित हो रहा है। सरकार और प्रशासन का कोई सहयोग न मिलने के बावजूद भी फिल्म निर्माता यहां की हसीन वादियों को बड़े पर्दे पर दिखाने का पूरी तरह से प्रयास कर रहे हैं। इन दिनों मंडी जिला की जंजैहली घाटी में फिल्म की शूटिंग चल रही है लेकिन शूटिंग करने आई टीम को रोजाना नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
हिमाचल प्रदेश को प्रकृति ने अपार सुंदरता बख्शी है। इन्हीं सुंदर वादियों में से एक है मंडी जिला की सराज घाटी। इस घाटी को मंडी जिला के सुंदरनगर निवासी निर्देशक पवन शर्मा ने बड़े पर्दे पर दिखाने का बीड़ा उठाया है। पवन शर्मा द्वारा निर्देशित फिल्म “ब्रीना” भी यहीं पर शूट की गई थी। इस फिल्म ने कई राष्ट्रीय पुरस्कार जीते हैं।
यह सत्य घटना पर आधारित फिल्म थी, जिसे अमेरिका के न्यू जर्सी में हुए अंतरराष्ट्रीय वूमेन फिल्म फेस्टिवल में भी दिखाया गया था। निर्देशक पवन शर्मा अब एक बार फिर से जंजैहली की हसीन वादियों को बड़े पर्दे पर दिखाने के लिए यहां पहुंचे हुए हैं। इस बार वह कश्मीर में बसे करवाल (गुज्जर) समुदाय पर फिल्म बना रहे हैं। फिल्म का नाम “मोंहम्मद” रखा गया है। इस फिल्म को प्रोडयूस कर रहे हैं राजस्थान के प्रोडयूसर रविंद्र सिंह राजवत।
फिल्म में मुख्य भूमिका निभा रहे हैं यशपाल शर्मा। यश पाल शर्मा ने सलमान खान की अगले महीने आने वाली फिल्म टयूबलाईट में भी अहम भूमिका निभाई है। बकरवाल फिल्म में कश्मीर में पत्थरबाजों की कहानी बताई गई है और यह दर्शाने का प्रयास किया जा रहा है कि बकरवाल समुदाय किस प्रकार रोजाना आतंकवाद का सामना करता है।
फिल्म में एक पिता अपने बेटे को आतंकबाद से लड़ने के लिए तैयार करता है। फिल्म के मुख्य कलाकार यश पाल शर्मा की मानें तो इस फिल्म में बकरवालों की एक सच्ची कहानी को दर्शाने का प्रयास किया गया है।
कश्मीर के आतंकवाद को लेकर बनने जा रही इस अहम फिल्म को जंजैहली की हसीन वादियों में फिल्माया जा रहा है। लेकिन फिल्म के निर्माता और निर्देशक शासन और प्रशासन से सहयोग न मिलने के कारण काफी नाराज हैं। फिल्म के निर्देशक पवन शर्मा की मानें तो उन्हें यहां पर न तो रहने के लिए स्थान मिल रहा है और न ही शूटिंग के लिए प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग।
एक साईट पर शूटिंग करने के लिए प्रतिदिन की दर से पांच हजार रूपए की डिमांड की जा रही है। पवन शर्मा के अनुसार यदि कम बजट में बनने वाली सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्मों को ही कोई सहयोग नहीं मिलेगा तो फिर प्रदेश के दुर्गम इलाकों को प्रमोट कर पाना भी काफी मुश्किल होगा। – यशपाल शर्मा, एक्टर
शूटिंग करने आई टीम को स्थानीय लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है। फिल्म के निर्माता रविंद्र सिंह राजवत की मानें तो स्थानीय लोगों के सहयोग से ही शूटिंग कर पाना संभव हो रहा है। वहीं दूसरी तरफ यहां की खुबसूरती भी निर्माताओं को इस घाटी की तरफ खींच कर ले आती है। – पवन शर्मा, निर्देशक
उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश को बड़े पर्दे पर जब भी दिखाया जाता है तो सिर्फ शिमला या फिर कुल्लू मनाली का ही जिक्र ज्यादातर होता है। प्रदेश में कई ऐसे विहंग्म दृश्य हैं जो आज भी फिल्म निर्माताओं की पहुंच से दूर हैं और इन इलाकों में कोई सुविधाएं न होना भी शायद एक बड़ा और अहम कारण है। – रविंद्र सिंह राजवत, निर्माता