एमबीएम न्यूज़/हमीरपुर
जालंधर-मंड़ी एनएच-70 के निर्माण कार्य में अब तेजी आना शुरू हो गई है। फोरलेन मार्ग के अधीन आ रहे पेड़ों को काटने की तैयारी प्राधिकरण ने कर ली है। इससे पहले पेड़ो की काउंटिग की जा रही है। राजस्थान की थीम इंजीनियरिंग कंपनी के सहयोग से प्राधिकरण ने कोट से लेकर अवाहदेवी तक उन पेड़ो की सूची तैयार कर ली है। जिनकी बलि इस मार्ग के निर्माण कार्य के दौरान चढ़ेंगी। हालांकि पेड़ कटान से पहले वन विभाग की मंजूरी ली जाएगी।
बताया जा रहा है कि प्राधिकरण ने इस मार्ग के कार्य को सिरे चढ़ाने के लिए 1800 करोड़ रुपए का बजट का प्लान तैयार किया है। इस प्लान के मुताबिक राजस्थान की कंपनी ने ही पूरे मार्ग की डीपीआर तैयार की। जमीन का सर्वे भी उन्ही के द्वारा किया गया। अब पेड़ की गिनती भी इसी कंपनी द्वारा की जा रही है।
प्राधिकरण से मिली जानकारी के मुताबिक पेड़ो की गिनती के दौरान यह भी आंकड़ा जुटाया जाएगा कि इतने पेड़ सरकारी भूमि पर है। साथ ही कितने पेड़ निजी भूमि के है। इन सब पेड़ो के कटान की अनुमति वन विभाग देगा। इतने में निजी भू-मालिको को प्राधिकरण पेड़ो का मुआवजा भी देगा। पिछले तीन दिनो से चल रहे इस सर्वे के दौरान दो – तीन स्थानो पर टीम के सदस्यो ने लोगों के मन की शंका को भी दूर किया है। इसमे टौणी देवी बाजार मुख्य रूप से शामिल है।
टौणी देवी माता मंदिर के इस मार्ग की दिशा पहले से तबदील हो जाएगी। मार्ग को आरसी डंगे के माध्यम से ऊपर उठाते हुए ऊहल मार्ग से मिलाया जाएगा। ऊहल मार्ग पर बने विकास खंड़ कार्यालय के समीप इस नए सर्वे के मुताबिक बस अड्डा बनेगा। यहां पर बनने वाले चौक से एक मार्ग पुराने बस अड्डे की तरफ निकलेगा। दूसरा ऊहल ,कक्कड़ के लिए जबकि तीसरा मार्ग लोगों की निजी जमीन से अवाहदेवी के लिए मार्ग निकलेगा। हालांकि यहां पर हुई पैमाईश के बाद निजी भू-मालिको ने इसका विरोध किया। लेकिन अब इस विरोध का कोई लाभ नहीं होगा।
प्राधिकरण की माने तो भूमि की पैमाईश के दौरान पिछले वर्ष इस मार्ग के अधीन आने वाली आपत्तियों के लिए समय दिया था। उस दौरान किसी ने अपनी आपत्तियां दर्ज नहीं करवाई है। बहरहाल इस मार्ग के अधीन आने वाले मकान के मालिको को भी मुआवजा देने की तैयारी प्राधिकरण ने कर ली है। गंभीर मसला यह है कि इस मार्ग पर 60 फीसदी मकान अतिक्रमण साबित हुए है। इन मालिको को कुछ भी नहीं मिलेगा।
जांलधर -मंडी मार्ग का निर्माण कार्य अब जल्द ही शुरू हो जाएगा। इससे पहले पेड़ कटान का कार्य होगा। इन पेड़ो की गिनती शुरू कर दी है। निजी भू-मालिको को इन पेड़ो का मुआवजा मिलेगा। जबकि कटान के लिए वन विभाग से अनुमति ली जाएगी। जगदीश सिंह, अधिशाषी अभियंता प्राधिकरण हमीरपुर