एमबीएम न्यूज/नाहन
देश में सिरमौरी बेटे अर्नव ने हिमाचल का डंका बजाया है। देश के तीसरे नंबर के आईआईटी संस्थान खडगपुर में बीटेक की पढ़ाई में दाखिला हासिल किया है। होनहार किशोर की काबलियत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने देश की दूसरी सबसे कठिन परीक्षा में 218वां रैंक हासिल किया।
सराहां के रहने वाले अर्नव के पिता सतीश शर्मा, सिरमौर में जिला कोषाधिकारी के पद पर कार्यरत हैं, जबकि मां निशी रानी चाकली स्कूल में इतिहास की प्रवक्ता हैं। 20 दिसंबर 2000 को जन्में अर्नव ने जेईई (मेन्स) की परीक्षा में समूचे देश में 61वां रैंक हासिल किया था। बताया गया कि प्रतिष्ठित आईआईटी संस्थानों में खडगपुर की रैकिंग मुंबई व कानपुर के बाद है। आईआईटी खडग़पुर की स्थापना 1961 में हुई थी। मौजूदा परिदृश्य में विश्व भर में संस्थान अपनी एक अलग पहचान रखता है।
इलैक्ट्रिकल ट्रेड में बीटेक की पढ़़ाई को लेकर दाखिला हासिल करना आसान नहीं होता। यह तभी संभव हो पाता है, जब माता-पिता के मार्गदर्शन के अलावा 10 से 15 घंटे की पढ़ाई के साथ-साथ उपयुक्त कोचिंग हासिल की जाए। डीएवी स्कूल से दसवीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने के बाद अर्नव ने चंडीगढ़ का रुख कर लिया था। मूलत: सराहां का रहने वाला परिवार आज अर्नव की कामयाबी पर गर्व महसूस कर रहा है। यह गौरव के पल परिवार के नहीं, बल्कि समूचे जिला के साथ-साथ प्रदेश के लिए भी हैं।
उल्लेखनीय है कि अर्नव ने किशोर विज्ञान प्रोत्साहन योजना में भी सफलता अर्जित की हुई है। बहन सप्रिहा भी मेधावी है। गत वर्ष निट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आईजीएमसी शिमला में एमबीबीएस में दाखिला लेने में सफल हुई थी। मूलत: परिवार सोलन के गौड़ा का रहने वाला है, लेकिन अब लंबे अरसे से सराहां में ही सैटल है। कुल मिलाकर अर्नव की कामयाबी छोटी नहीं है। एमबीएम न्यूज नेटवर्क भी अर्नव को इस सफलता पर बधाई देता है।
पढ़ाई के बाद आकर्षक पैकेज
किशोर अवस्था में जो छात्र अपना पूरा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित करते हैं। इसके बाद इस तरह के संस्थानों में दाखिला पाने में सफल हो जाते हैं। ऐसे छात्रों का भविष्य शानदार होता है। हालांकि यह नहीं कहा जा सकता कि अर्नव को बीटेक की पढ़ाई पूरी करने के बाद क्या पैकेज मिलेगा, लेकिन इतना तय है कि कैंपस प्लेसमेंट में ही सालाना लाखों रुपए का आकर्षक पैकेज ऑफर मिल जाएगा।