रेणु कश्यप/ नाहन
ट्रांसगिरि में कई ऐसे रिमोट इलाके हैं, जहां गरीबी की कोई सीमा नहीं है। यहां तक की बुुजुर्गों ने अपने जिला मुख्यालय तक को नहीं देखा है। ऐसे में अगर एक बेटा परिवार की गरीबी से उबरते हुए बुजुर्गों को हवाई सैर करवाए तो वास्तव में काबिले तारीफ है।
संगड़ाह उपमंडल के गत्ताधार इलाके में 70 वर्षीय सुन्दर सिंह, 72 वर्षीय जाती राम के अलावा 62 साल के गुमान सिंह, 58 वर्षीय बंसी राम व 56 वर्षीय तोता राम चार दिन की यात्रा के बाद वापस लौटे हैं। सुन्दर सिंह के बेटे बलबीर शर्मा नेे बुजुर्गों को जीवन का यह रोमांच दिया है। आप यह भी जानकर हैरान हो जाएंगे, दुर्गम इलाकों में रहने वाले बुजुर्गों ने जिला मुख्यालय नाहन तक भी नहीं देखा था।
आसमान में उड़ते हवाई जहाजों को देखकर बचपन से यही सोचते आए थे कि ये क्या होता है। किन लोगों के लिए होता है। रियल अस्टेट के कारोबार से जुड़े बलबीर शर्मा ने पिता सहित अन्य बुजुर्गों को चंडीगढ़ से दिल्ली तक प्लेन का सफर करवाया। इसके बाद फाइव स्टार होटल में ठहरने की व्यवस्था भी करवाई। आगरा-वृंदावन की यात्रा भी लग्जरी कार में मुहैया करवाई। वापसी में भी दिल्ली से चंडीगढ़ की फ्लाइट में सफर करवाया।
बुजुर्गों के साथ बलबीर शर्मा 35 वर्षीय बलबीर शर्मा के मुताबिक पूरी यात्रा पर लगभग सवा लाख का खर्चा आया। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों को जीवन में इस तरह का रोमांच देने के लिए कई महीनों से अपने वेतन के एक हिस्से को एकत्रित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जल्द ही बुजुर्गों को चार धाम की यात्रा भी करवाने जा रहे हैं।
वापस लौट कर बलबीर ने जब अपने फेसबुक वॉल पर बुजुर्गों की तस्वीरें पोस्ट की तो प्रशंसा करने वालों के कमेंटस धड़ाधड़ आने लगे। उन्होंने बताया कि बुजुर्गों ने कभी भी जिला मुख्यालय का भी सफर नहीं किया था।