कुल्लू (नीना गौतम) : सैंज, बंजार में भाजपा की रथयात्रा के दौरान पार्टी के दो गुटों में हुई मारपीट, नारेबाजी व हंगामे ने अब नया मोड़ ले लिया है। सुरेंद्र शौरी गुट को पूर्व मंत्री खीमी राम के खिलाफ की नारेबाजी व हूटिंग मंहगी साबित हो सकती है। इस पूरे ड्रामे के बाद अब बंजार भाजपा ने अपनी पोटली खोलते हुए खुलासा किया है कि सुरेंद्र शौरी तो भाजपा का निष्कासित नेता है और वह ऐसी हरकत नहीं करेगा तो और कौन करेगा।
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सूत्रों के अनुसार इस प्रकरण के बाद भाजपा ने प्रदेश हाईकमान को रिपोर्ट तैयार करके भेजी है कि सुरेंद्र शौरी विभिन्न चुनावों में पार्टी की खिलाफत कर चुका है और शौरी को पार्टी पहले ही निष्कासित कर चुकी है। यही नहीं निष्कासित की प्रतिलिपि भी साथ भेजी गई है। सूत्रों के अनुसार भाजपा ने बताया कि बंजार में इस तरह की कोई गुटबाजी नहीं है, लेकिन कुछ निष्कासित नेता कांग्रेस से मिलकर पार्टी के माहौल को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सैंज में हंगामा करने वाले व बंजार में नारेबाजी करने वाले 16 से 20 साल के बीच के लड़के थे, जिन्हें दिन को ही शराब पिलाई गई थी और उनमें पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता शामिल नहीं था।
उधर पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि रथयात्रा के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता के खिलाफ हुड़दंग व नारेबाजी करना भाजपा की संस्कृति नहीं है। उन्होंने कहा कि इस पूरी घटना के बारे में पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को अवगत करवाया गया है और जांच को कहा गया है। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी इस समय जीत की ओर अग्रसर है, इसलिए टिकट की चाह में ऐसे हथकंडे अपनाए जा रहे हैं।
गौर रहे कि सोमवार को जैसे ही भाजपा की रथयात्रा सैंज पहुंची तो वहां पर खीमी राम और शौरी गुट में टकराव हो गया था यह टकराव वरिष्ठ नेता शांता कुमार, जय राम ठाकुर, अजय राणा, सांसद राम स्वरूप शर्मा, विधायक महेश्वर सिंह के समक्ष हुआ था जिसके चलते आधा घंटा तक जनसभा को रोकना पड़ा था। यह टकराव यही नहीं थमा जब सांयकाल रथयात्रा बंजार पहुंची तो यहां पर एक गुट के लोगों ने भाजपा के बैनर तले खीमी राम मुर्दावाद व खीमी राम गो बेक के नारे लगाए थे।
यहां पर भाजपा के युवा नेता सुरेंद्र शौरी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं और सुरेंद्र शौरी के समर्थकों ने ही यह नारेवाजी की थी। सुरेंद्र शौरी गांव-गांव जाकर भी भाजपा का प्रचार कर रहे हैं और अपने टिकट की दावेदारी भी कर रहे हैं। लेकिन अब भाजपा ने सुरेंद्र शौरी की निष्कासन की पोटली खोल दी है।
गौर रहे कि गत विस चुनाव में भी सुरेंद्र शौरी ने खीमी राम की खिलाफत की थी और उसके बाद पंचायत चुनाव में भी पार्टी के उम्मीदवार के खिलाफ जिला परिषद का चुनाव लड़ा। हालांकि इस चुनाव मेंं सुरेंद्र शौरी जीतकर आए। लेकिन उससे पहले भाजपा सुरेंद्र शौरी को निष्कासित कर चुकी थी। हालांकि उस समय भाजपा पर निष्कासन के सवाल उठे थे।
वहीं निष्कासन के कुछ माह बाद भाजयुमों के प्रदेश पदाधिकारियों ने सुरेंद्र शौरी को शिमला कार्यालय में सम्मानित किया था। यही नहीं जिला परिषद के चुनाव में जिला परिषद अध्यक्ष की कुर्सी हथियाने के लिए शौरी को भाजपा का पटका पहनाकर आजाद उम्मीदवार को अपने पक्ष में किया था और उस समय भाजपा की ही रौहणी चौधरी ने कांग्रेस के पार्षदों का साथ लेकर जिला परिषद की कुर्सी हथियाई थी और भाजपा प्रत्याशी को चारों खाने चित किया था।
उस समय सैंंज घाटी के लोगों ने लेकिन सुरेंद्र शौरी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने बंजार की उम्मीदवार का साथ न देकर कुल्लू की उम्मीदवार को स्पोर्ट किया था। लिहाजा सुरेंद्र शौरी बेशक पार्टी में काम कर रहे हो लेकिन घर वापसी की अभी तक विधिवत घोषणा नहीं हुई है।