शिमला (एमबीएम न्यूज़) : पर्यटन सीजन के दौरान गर्मियों के दिनों में सैलानियों के लिए विशेष आकर्षण रखने वाला तथा कथित अंतरराष्ट्रीय ग्रीष्मोत्सव कल से शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर शुरू हो रहा है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह कल शाम इसका उदघाटन कर सकते हैं। पहले दिन कल कांगो गणतंत्र का राष्ट्रीय बैलेट नृत्य नाटिका और आकांक्षा शर्मा, माधुरी पाण्डे और राजीव थापा अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे। दूसरे दिन पहाड़ी नाईट में मुस्कान ठाकुर, दिलीप सिरमौरी प्रदेश की पहाड़ी संस्कृति को अपनी कला के माध्यम से उजागर करेंगे और अगले दिन विनीति सिंह युवतियों के लिए विशेष खिंचाव रखने वाले फैशन शो का आयोजन करेगी।
4 जून को फिर से पहाड़ी नाईट का आयोजन होगा और लोकेंद्र चौहान, गीता भारद्वाज तथा ठाकुर सिंह राठी हिमाचली संस्कृति के विभिन्न पक्षों पर लोगों का मनोरंजन करेंगी। आखिरी दिन 5 जून को सुल्ताना बहनें अपने अलग अंदाज में कब्बाली इत्यादि की प्रस्तुति करेंगी और मीना ठाकुर कुच्चीपुडडी नृत्य पेश करेंगी।
यद्यपि ग्रीष्मोत्सव पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण होता है और बाहर से आए हुए पर्यटक इसमें विशेष रूचि भी लेते हैं, लेकिन समर फैस्टिवल का आकर्षण स्थानीय लोगों के लिए ही नहीं बल्कि पर्यटकों के लिए कम होता जा रहा है। छठे से आठवें दशक में इस वार्षिक उत्सव में न केवल बालीबुड के प्रसिद्व पार्श्व गायक बल्कि अभिनेता तथा अभिनेत्रियों व संगीतकार रिज मैदान के मंच पर अपना जलवा प्रस्तुत करते थे। उस दौर में उनकी एक झलक पाने के लिए लोग तरसते थे।
यह भी एक पहलु है कि मुंबई से अब आने वाले बालीवुड कलाकारों और पार्श्व गायकों का शुल्क अब इतना बढ़ गया है कि जिला प्रशासन के लिए इतनी भारी रकम देना मुश्किल हो गया है। पुराने समय में समर फेस्टिवल के पांडाल में प्रवेश पाने के लिए टिकटें देनी पड़ती थीं, जिससे खर्चा भी पूरा हो जाता था और फिर केंद्रीय सांस्कृतिक विभाग भी काफी अनुदान देता था, जो अभी काफी कम हो गया है।
प्रदेश के पर्यटन विभाग से भी काफी अनुदान मिलता था। इसके आयोजन में केंद्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला भी बहुत योगदान देता था। इसक अतिरिक्त समर फेस्टिवल की विभिन्न नाईटों के कार्यक्रमों के प्रायोजन के लिए निजी कंपनियां आगे आती थीं। लेकिन इन संभी संस्थाओं की ओर से योगदान धीरे-धीरे कम होता गया।
समर फेस्टिवल का आकर्षण कम होने का एक कारण यह भी है कि हिमाचल कलाकार जो नेशनल लेवल पर या बालीबुड में अपना स्थान बना चुके हैं, उन्होंने भी इस फेस्टिवल के लिए अपना शुल्क काफी बढा दिया है और कम शुल्क में यहां आने की हामी नहीं भरते हैं। किसी समय में राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कलाकार समर फेस्टिवल के मंच पर आने के लिए तरसते थे।
यद्यपि जिला प्रशासन की ओर से समर फैस्टिवल को सफल बनाने के लिए अथक कोशिश की जाती रही है, लेकिन प्रशासन पर दूसरे दबाव भी रहते हैं, जिसके कारण इस ओर ध्यान कम दिया जाता है। समर फैस्टिवल के आयोजन में जो विभिन्न खर्चे होते हैं, जिनमें मंच निर्माण तथा पीए सिस्टम लगाने में खर्चा हर साल बढ़ता जाता है। हालांकि उत्सव के आयोजन के दिन भी पहले की तुलना में काफी कम हो चुके हैं। पहले यह उत्सव लगभग 10 दिन चलता था।