नाहन (संध्या कश्यप): 932 मीटर की ऊंचाई पर बसा है 1621 में बना नाहन शहर। क्या कुदरत ने शिवालिक पहाडिय़ों में बसे इस शहर को प्राकृतिक आपदाओं से महफूज रखा है। यह सवाल हरेक शख्स के मन में उस वक्त कौंध उठता है, जब बाढ़ से लोग ग्रस्त हों, साथ ही भूचाल से धरती हिल जाती है।
हालांकि एमबीएम न्यूज नेटवर्क के पास इस बात के ठोस तथ्य मौजूद नहीं हैं, लेकिन यह बात पुख्ता है कि पहाड़ी की चोटी पर बसा यह शहर भूकंप से इस कारण सुरक्षित है, क्योंकि शहर के नीचे धरती में चट्टानें हैं। ऐसी धारणा है कि सिरमौर रियासत को नटनी के शाप से ग्रस्त माना जाता है। सिरमौरी ताल में रियासत की राजधानी बाढ़ में गर्क हो गई थी। लेकिन नाहन शहर अपने वजूद को बिना किसी प्राकृतिक आपदा के संरक्षित किए हुए है।
यह नहीं पता कि इस मामले में कभी शोध हुआ है या नहीं, लेकिन आज भी जब पुराने घरों को तोड़ा जाता है तो नीचे बड़ी डीलें व चट्टानें निकलती हैं। हालांकि इससे घर के निर्माण की लागत बढ़ जाती है, लेकिन यह बात भी सामने आ जाती हैं कि भूकंप के वक्त यह चट्टाने धरती के कंपन को नियंत्रित करने में सहायक होती हैं। यही नहीं भारी बरसात से जहां पहाड़ी क्षेत्रों में अक्सर भू-स्खलन होना आम बात है, वहीं शहर के चट्टान पर स्थित होने के कारण शहर भू-स्खलन से अभी तक सुरक्षित बना है।
यह बात भी गौर करने वाली है कि सिरमौर रियासत की राजधानी को बसाने के लिए इसी जगह की तलाश इसलिए की गई थी, क्योंकि कुदरत ने इसे कुछ खास तरह की विशेषताएं दी हैं। उधर अगर मूसलाधार बारिश में पानी से होने वाली तबाही की बात की जाए तो यह बात हर कोई समझ सकता है कि नाहन शहर की सडक़ों पर पानी नहीं रुकता है, क्योंकि शहर के चारों तरफ ढालान है। पानी ढलान से बहता हुआ एक तरफ मारकंडा नदी में पहुंचता है तो दूसरी तरफ जरजा नदी व कुछ स्थानीय खड्डे हैं।
समाज सेवी प्रेमपाल महिंद्रू भी इस बात से इत्तफाक रखते हैं कि शहर को कुछ खास इनायतें कुदरत ने दी हैं। उन्होंने कहा कि शहर कैसे प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित है, इसको लेकर कुछ सामग्री वह एमबीएम न्यूज नेटवर्क से साझा करेंगे।
और अन्य क्या हैं बातें…
ऐतिहासिक महत्व होने के साथ-साथ शहर की खूबसूरती यह भी है कि तीन हजार फीट की ऊंचाई पर होने के कारण न तो अधिक गर्मी और न ही अधिक ठंड होती है। हालांकि अब बढ़ते भवन निर्माणों का असर मौसम पर पडऩे लगा है, लेकिन अब भी हालात ठीक हैं। ऐतिहासिक व साल भर खुशगवार मौसम के कारण शहर अपनी पहचान कायम रखे है। लेकिन यह बात आज की पीढ़ी नहीं जानती है कि प्राकृतिक आपदाओं से बचाने के लिए खुद कुदरत ने ही कुछ खास तरह की इनायतों से भी शहर को नवाजा है।