नाहन (एमबीएम न्यूज): मामला यहां से महज 25 किलोमीटर दूर अगडीवाला गांव से जुड़ा हुआ है। यहां एक नाबालिग को परिणय सूत्र में बांधने की तैयारी की गई थी। लेकिन महिला एवं बाल विकास विभाग को इसकी भनक लग गई। शादी के कार्ड बंट चुके थे, लेकिन समय रहते हुई कार्रवाई से शादी को रोक दिया गया है।
रोचक बात यह है कि शादी के लिए एकत्रित की गई सामग्री को अब धार्मिक अनुष्ठान में इस्तेमाल किया जाएगा। शादी को रोकने के लिए एक टीम गठित की गई। 2 फरवरी को शादी तय हुई थी, लेकिन भनक लगते ही एक फरवरी को मौके पर सीडीपीओ समेत एसएचओ को भेजा गया। परिवार ने कानून की जानकारी से अनभिज्ञता जाहिर की।
मातर पंचायत के उप प्रधान भीम दत्त ने भी बाल विवाह को रुकवाने में मदद की। जिला कार्यक्रम अधिकारी (आईसीडीएस) ईरा तनवर ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में बताया कि जानकारी मिलने पर शादी से एक दिन पहले टीम भेजी गई। शादी वाले दिन भी बाल संरक्षण अधिकारी व बाल विकास परियोजना अधिकारी भी मौके पर पहुंचे।
उन्होंने कहा कि परिवार को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि अगर गुपचुप तरीके से भी शादी करवाई जाती है तो भी कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। उन्होंने माना कि परिवार ने एकत्रित सामग्री का इस्तेमाल भंडारे के लिए करने का आश्वासन दिया है।
गौरतलब है कि हाल ही में चंबा में बाल विवाह के दो मामले सामने आए थे, जिन्हें भी रुकवा दिया गया था। जबकि पांवटा साहिब में एक उम्रदराज दंपत्ति के परिणय सूत्र में बंधने की खबर आई थी।