मंडी (वी कुमार): एनआईटी के छात्रों की मौत की तस्वीरें रोंगटे खड़े कर देने वाली हैं। तस्वीरें इस बात की तस्दीक कर रही हैं कि लापरवाही व मौसम का पूर्वानुमान जानें बगैर स्टुडेंटस ने शिकारी माता मंदिर जाने की जिद कर ली थी। परिवार तक को इस टूर के बारे में नहीं बताया गया। अपनी जान गंवा कर दूसरे युवाओं के लिए सबक छोड़ गए हैं।
इस बात की चर्चा सोशल मीडिया में हो रही है कि इस तरह की गलती नहीं की जानी चाहिए। खुद तकनीकी शिक्षा मंत्री जीएस बाली ने भी अपने फेसबुक पेज पर युवाओं से प्रतिकूल परिस्थितियों में ऐसे कार्यक्रम न बनाने की एडवाइज दी है। रेस्क्यू टीम के सदस्यों का भी यही कहना है कि बर्फ में दबे शवों को जिन हालात में निकाला गया, वाकई में दर्दनाक मंजर था।
बीती 6 जनवरी से एनआईटी के दो छात्र शिकारी देवी की पहाडि़यों पर हुई बर्फबारी में फंस गए थे। दो दिनों की कड़ी मशक्कत के बाद शनिवार शाम को दोनों के शवों को बर्फ से बाहर निकाला जा सका। परिजनों ने दोनों शवों की शिनाख्त कर दी है, जिसमें एक शव हमीरपुर निवासी अक्षय कुमार का है जबकि दूसरा शव बिलासपुर निवासी नवनीत राणा का है।
यह दोनों अपने परिजनों को बताए बिना बीती 6 जनवरी को शिकारी देवी चले गए थे। वहां पर भारी बर्फबारी के बीच फंसने से इन दोनों की मौत हो गई थी। परिजनों की तलाश के बाद ही यह पता चल पाया था कि दोनों शिकारी देवी की तरफ गए हैं। इसके बाद बीते कल यानी 13 जनवरी की सुबह से सर्च आपरेशन शुरू हुआ, जिसमें सबसे पहले अक्षय कुमार का शव बरामद किया गया और उपरांत इसके नवनीत राणा का शव मिला।
दोनों शवों को दो टीमें अपने साथ ला रही थी लेकिन रात हो जाने के चलते शवों को जंगल में ही छोड़ दिया गया और आज सुबह उन्हें फिर से लाने का कार्य शुरू हुआ। काफी मशक्कत के बाद शवों को आज शाम जंजैहली लाया गया जहां से शवों को सुंदरनगर भेजा गया है।
डीएसपी हैडक्वाटर हितेश लखनपाल ने बताया कि कल सुबह दोनों शवों का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के हवाले कर दिए जाएंगे।