कुल्लू (एमबीएम न्यूज) : साहित्यिक आयोजन न सिर्फ आपसी मेलजोल बढ़ाते हैं, बल्कि विचारों को साझा करने के साथ-साथ बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। इस प्रकार के आयोजनों में जहां हम क्षेत्र विशेष की कला, संस्कृति, इतिहास, लोक साहित्य के बारे में रू-ब-रू होते हैं, वहीं कई महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से जानने-समझने का सुअवसर प्रदान होता है। यह बात पूर्व बागवानी मंत्री सत्य प्रकार ठाकुर ने कही। सत्य प्रकाश रविवार को ढालपुर स्थित देवसदन में हिमतरू प्रकाशन समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बोल रहे थे।
इस अवसर पर पूर्व मंत्री ने कहा कि कुल्लू जिला लम्बे अरसे से साहित्य, कला एवं संस्कृति से जुड़ी गतिविधियों के लिए उर्र्वरा भूमि रही है। पूर्व मंत्री एवं इतिहास पुरूष स्वर्ण लाल चंद प्रार्थी ने वर्षों पूर्व साहित्य व संस्कृति के संरक्षण की मुहीम चलाई थी, निश्चित रूप से हिमतरू उनके इस अधूरे कार्य का आत्मसात् करने की पुरजोर कोशिश कर रहा है। कार्यक्रम के संदर्भ में उन्होंने कहा कि हिमतरू लंबे समय से सफल आयोजन करते आ रहा है और पूर्ण रूप से साहित्य के लिए समर्पित है। कार्यक्रम में कवि कथाकार शेर सिंह के कहानी संग्रह आस का पंछी का लोकार्पण किया गया।
इस पुस्तक पर साहित्य एवं कला परिषद् के अध्यक्ष डॉ. सूरत ठाकुर ने समीक्षा पत्र पढ़ा। लोकार्पण समारोह के उपरांत साहित्यिक गोष्ठी हुई, जिसमें लेखकों एवं कलाकारों द्वारा कविताएं कहानी, लघुकथाएंए लोकगीत एवं गजलें प्रस्तुत की गर्इं। मंडी से वरिष्ठ साहित्यकार गंगा राम राजी ने संस्मरण सुनाए तो कृष्ण चंद्र महादेविया ने बकरा नामक लघुकथा सुनाई।
कवि गोष्ठी में छेरिंग दोरजे, नवल ठाकुर, जयदेव विद्रोही, तोबदन, डॉ. सूरत ठाकुर, डॉॅ. ओम कुमार, डॉ. मनदीप शर्मा, सरला चम्बयाल, हुकम ठाकुर, सुमन सिक्का, दुर्गा प्रसाद राव, दीपक कुल्लुवी, कैलाश गौतम, राजेंद्र पालमपुरी, निर्मला, विपुल, उषा शर्मा, किशोरी लाल, राजेंद्र पाल शर्मा, रत्न लाल शर्मा, ईश्वरी दास शर्मा, गणेश गनी, शोना सहित दर्जनों कवि लेखकों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। कार्यक्रम में हिमतरू के संपादक किशन, गणेश गनी, उमेश ललित, निर्मला व सदस्यगण और अन्य प्रबुद्धजन उपस्थित रहे।