नई दिल्ली, 9 नवंबर: दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को समाचार चैनलों (News channels) से न्यूज रिपोर्टिग (Reporting) मानकों में सुधार लाने के लिए कहा। कहा कि लोग प्रेस से डरे हुए हैं और दूरदर्शन युग(Doordarshan Era) इससे ज्यादा बेहतर था। न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा, “लोगों में प्रेस के बारे में डर फैल गया है। यहां तक कि अगर बड़ी हस्तियों की निजता का मुद्दा कमजोर भी करें तो भी आप (समाचार चैनल) उनके निजी जीवन को सार्वजनिक क्षेत्र में नहीं खींच सकते।
” अदालत ने कहा, “मुझे लगता है कि ब्लैक एंड व्हाइट दूरदर्शन का युग बहुत बेहतर था।” अदालत ने आजकल जिस तरह से समाचार रिपोर्टिग (News Reporting) हो रही है, उस तरीके को बदलने के तंत्र के बारे में भी समाचार चैनलों से सवाल किया। इसने पूछा, “यहां तक कि कुशल और शिक्षित(Educated) दिमाग भी इस तरह की गलत रिपोर्टिग से प्रभावित होते हैं। आप हमें बताएं कि हमें इसका समाधान कैसे करना चाहिए?”
यह टिप्पणी तब की गई जब अदालत चार बॉलीवुड संघों और 34 निमार्ताओं द्वारा रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ की बॉलीवुड हस्तियों के खिलाफ रिपोर्टिग पर लगाम कसने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बॉलीवुड संघों(Associations of Bollywood) ने दोनों चैनलों द्वारा की गई रिपोर्टिग और बॉलीवुड हस्तियों के खिलाफ की गई टिप्पणियों को ‘गैर जिम्मेदाराना और अपमानजनक’करार दिया था।
पीठ (Bench)ने कहा कि यह समाचार चैनलों को खबरों को कवर करने से नहीं रोक रहा है। लेकिन केवल उन्हें जिम्मेदार पत्रकारिता (Responsible Journalism) को आगे बढ़ाने के लिए कह रहा है। इसने कहा, “हम यह नहीं कह रहे हैं कि आप ऐसी खबरों को कवर नहीं कर सकते, लेकिन हम (केवल) आपको जिम्मेदार पत्रकारिता करने के लिए कह रहे हैं।”
अदालत ने चैनलों को यह भी चेतावनी दी कि यदि वे प्रोग्राम कोड का पालन नहीं करते हैं, तो अदालत को ‘लागू’ करना होगा।
–आईएएनएस