-महावीर जयंती पर श्रद्धालुओं को सौगात
रेणु कश्यप । नाहन
नाहन शहर में प्राचीन भगवान श्री महावीर के मंदिर के सौंदर्यकरण में एक ओर तमका जुड़ गया है। मुख्य मंदिर को गजब की शीशे की नक्काशी से उकेर दिया गया है। हालांकि इस मंदिर में मौजूद भगवान श्री महावीर की मूर्तियों का इतिहास पहले से ही पन्नों में दर्ज है, लेकिन जयपुर से आए कलाकारों की नक्काशी से इस मंदिर की खूबसूरती को चार चांद लग गए हैं। हालांकि इस मंदिर का निर्माण 1938 में हुआ था, लेकिन इस मंदिर में रखी गई मूर्तियों का इतिहास 1000 साल से भी अधिक पुराना है।
जैन समाज के राज्य अध्यक्ष विजय कुमार जैन के मुताबिक मंदिर में रखी गई भगवान पारसनाथ जी की मूर्ति 1039 साल पुरानी है, जो समाज को प्राचीन मियां का मंदिर से 1925 में मिली थी। मंदिर के निर्माण से पहले इस मूर्ति को स्व श्री पूरन चंद जैन के संरक्षण में रखा गया था। उनके मुताबिक मंदिर में रखी गई भगवान पारस नाथ की मूर्ति 963 साल पुरानी है।
विजय कुमार जैन का यह भी कहना है कि मूर्तियों पर इनके निर्माण की तिथि व संवत भी दर्ज हैं। आज सुबह जब महावीर जयंती के अवसर पर मंदिर में श्रद्धालुओ की भीड़ उमड़ी तो हर कोई इस नक्काशी को देखकर भौचक्का रह गया क्योंकि शीशे को छोटे-छोटे टुकड़ों में तराश कर दिवारों पर उकेरना आसान नहीं था। बताया गया कि इस कार्य को करने में शिक्षित कलाकारों को 8-10 माह का समय लगा, इसके लिए 10 लाख रुपए की राशि व्यय की गई।
जैन मंदिर में आज 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी जी का 2614वां जन्मदिवस भव्य तरीके से मनाया गया। इस अवसर पर 1008 श्री महावीर स्वामी जी का अभिषेक कर भगवान के समक्ष प्रार्थना रखी गई। इस अवसर पर जैन सभा के प्रदेशाध्यक्ष विजय कुमार जैन ने सरकार से अल्पसंख्यक का दर्जा मिलने के बावजूद भी महावीर जयंती पर सार्वजनिक घोषित न करने पर रोष व्यक्त किया।