बिलासपुर, 31 मार्च : हिमाचल प्रदेश में प्रसिद्ध शक्तिपीठ ‘श्री नैना देवी जी’ (Shri Naina Devi ji) के प्राचीन मंदिर की गुंबद पर सोने की परत (gold plating on the dome) चढ़ाई जा रही है। जल्द ही मां का दरबार सुनहरी छटा बिखेरेगा। न्यास के आकलन के मुताबिक कार्य पर तकरीबन 16 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। दिल्ली के एक व्यवसायी ने इस राशि का गुप्तदान किया है।
ऐसा अनुमान है कि कार्य में तकरीबन साढ़े 5 किलोग्राम शुद्ध सोने के साथ 596 किलोग्राम तांबे का इस्तेमाल होगा। जानकारी के मुताबिक गुंबद पर पहले तांबे की परत को चढ़ाया जाएगा। इसके बाद सोने का इस्तेमाल कर दूसरी परत बिछेगी। खास बात ये है कि इस कार्य को अंजाम देने के लिए विशेष तौर पर गुजरात व राजस्थान से कारीगर बुलाए गए हैं। ये कार्य नवरात्र में भी प्रगति पर रहा।
फिलहाल कारीगरों द्वारा गुंबद पर लगाए जाने वाले तांबे व सोने को मिश्रित करने का कार्य कर रहे है। नक्काशी का कार्य भी किया जा रहा है।
बता दें कि गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने के लिए पंजाब के एक श्रद्धालु द्वारा तीन किलो सोना दान किया गया था। मंदिर के गुंबद पर सोने का एक कलश भी स्थापित है। प्राचीन मंदिर नैना देवी में एक श्रद्धालु ने 19 किलोग्राम चांदी का छत्र भी भेंट किया था।
ऐसा बताया जा रहा है कि हिमाचल प्रदेश में नैना देवी जी पहली शक्तिपीठ होगी, जिसमें गर्भगृह से गुंबद सहित ब्राह्य क्षेत्र सोने का होगा। हालांकि, कार्य जारी है, लेकिन धीरे-धीरे मंदिर स्वर्णजड़ित होने की वजह से छटा बिखेरने लगा है।
शक्तिपीठ के अतिरिक्त मंदिर अधिकारी विकास वर्मा ने बताया कि न्यास की देखरेख में कार्य चल रहा है। समय-समय पर श्रद्धालुओं व संस्थाओं द्वारा स्वर्ण कार्य करवाया जाता है। पुुजारी तरुनेश शर्मा ने बताया कि तांबे के ऊपर सोने की परत चढ़ाई जा रही है। उन्होंने बताया कि नवरात्र के दौरान भी 50 कारीगर इस कार्य में लगे रहे।