एमबीएम न्यूज़/नाहन
माउंट एवरेस्ट फतेह करने वाले पंजाब पुलिस के एएसआई दलजिंद्र सिंह को टीम सहित चूड़धार चोटी की चढ़ाई करने से रोक दिया गया है। अहम बात यह है कि जब तक प्रशासन व पुलिस को भनक लगी तब तक टीम के सदस्य करीब 6 किलोमीटर की चढ़ाई पूरी कर चुके थे। हालांकि सुरक्षा के लिहाज से पुलिस व प्रशासन का कदम सही हो सकता है, लेकिन सवाल इस बात पर भी उठता है कि माउंट एवरेस्ट को फतह करने वाला ट्रैकर कोई साधारण शख्स नहीं हो सकता, जो पूरी तैयारी के साथ चूड़धार चोटी को चढ़ने के लिए मैदान में उतरे थे।
टीम के 8 सदस्यों ने 3 स्थानीय गाइड भी साथ रहे थे। जानकारी के मुताबिक टीम ने शनिवार शाम से पहले ही ट्रैक पर तिसरी पहुंचकर टेंट लगाने की योजना बनाई थी। रात बिताने के बाद सुबह चूड़धार की ट्रैकिंग होनी थी, इसके बाद रविवार को ही शाम तक नौहराधार की वापसी का प्लान था,लेकिन इस योजना पर पुलिस ने शिकंजा कस दिया है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब इस तरह के ट्रैकर्स को चढ़ाई चढ़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी तो कैसे इस घाटी की बेजोड़ खूबसूरती सामने आ पाएगी। उल्लेखनीय है कि चूड़धार चोटी पर प्राचीन मंदिर के आश्रम में इस वक्त ब्रह्मचारी कमलानंद जी के अलावा एक पुजारी मौजूद है। ट्रेकर्स की टीम बीती रात नौहराधार पहुंची थी। सुबह 9- 9:30 के बीच पूरे उपकरणों से लैस होकर टीम ने चढ़ाई शुरू की।
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अहम बात यह है कि अब तक बर्फ के दौरान चूड़धार चोटी में एडवेंचर स्पोर्ट्स की संभावनाओं को नहीं तलाशा गया है, जब रोहतांग दर्रे पर 8 फुट बर्फ के बीच एडवेंचर स्पोर्ट्स हो सकता है तो इस लिहाज से चोटी को क्यों विकसित नहीं किया जा रहा। बर्फ़बारी के बाद चोटी की तस्वीरें या वीडियो भी सोशल मीडिया में नहीं पहुंचता है, जिससे इस बात का अंदाजा तो लगे सकेगी की घाटी की खूबसूरती को किस तरह से चांर चांद लगे हुए हैं।
हालांकि चंद रोज पहले दो युवकों ने शिमला के सराहंन से चोटी पर चढ़ने का दावा सोशल मीडिया में किया था, लेकिन इस दावे में कोई सच्चाई सामने नहीं आ रही। करीब 7 साल पहले बड़ी संख्या में लोगों ने बर्फबारी में प्राचीन मंदिर तक ट्रैकिंग की थी, इसकी वजह यह थी कि वहां मौजूद ब्रह्मचारी की सलामती की जानकारी जुटाना था। इस साल चोटी पर जबरदस्त बर्फबारी हुई है।
अनुमान है कि प्राचीन मंदिर तक 12 फुट के आसपास बर्फ पड़ चुकी है, जबकि चोटी के अंतिम छोर पर जहां भगवान शिव की प्राचीन प्रतिमा मौजूद है, वहां 14 फुट बर्फ हो सकती है। इसमें कोई दो राय नहीं है कि नौहराधार से बर्फ के दौरान चोटी का ट्रैक बेहद कठिन व खतरनाक है, लेकिन ऐसा भी संभव है कि पूरी तैयारी के साथ चोटी को फतह किया जा सकता है।
उधर संगड़ाह के डीएसपी अनिल धोलटा ने कहा कि उन्हें जैसे ही ट्रैकर्स के चोटी की तरफ जाने की सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत ही संपर्क साधा। उन्होंने बताया कि पुलिस अपने स्तर पर ट्रैकिंग की अनुमति नहीं दे सकती है। उन्होंने कहा कि जल्दी ट्रैकर्स को वापस बेस कैंप नौहराधार आने को कहा गया है। कुल मिलाकर ट्रैकर्स की उम्मीदों पर पानी फिर गया है, साथ ही उन लोगो की उम्मीदों को भी झटका लगा जो सोच रहे थे कि इससे इलाके के टूरिज्म को पंख लगेंगे।