शिमला (एमबीएम न्यूज़): विख्यात रघुनाथ मंदिर को सरकारी नियंत्रण में लिए जाने का युवा कांग्रेस अध्यक्ष विक्रमादित्य ने समर्थन किया है। इस मुददे पर मचे बवाल के बीच विक्रमादित्य सिंह ने आज शिमला में प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि यह एक सियासी मुददा नहीं है और सियासतदानों को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यह न केवल मुख्यमंत्री का बल्कि पूरी कैबिनेट का फैसला है, जो कि कुल्लू की स्थानीय जनता की इच्छा के आधार पर लिया गया है। विक्रमादित्य सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रदेश के कई बड़े मंदिर, जिनमें रामपुर बुशैहर स्थित उनकी कुलदेवी भीमादेवी का मंदिर भी शामिल है, सरकार द्वारा अधिगृहित किए गए हैं।
विक्रमादित्य के अनुसार विक्रमादित्य ने कहा कि हर बड़े मंदिर परिसर के आय और व्यय का ब्यौरा पारदर्शिता से लक्षित होना चाहिए और सरकारी प्रबंधन में लिए जाने से न केवल इसमें पारदर्शिता आएगी, बल्कि आय व व्यय का भी अच्छी तरह पता चलेगा और इसकी सुरक्षा की देखभाल भी सशक्त ढंग से हो सकेगी। उन्होंने कहा कि सरकारी नियंत्रण में लिए जाने में सरकार का कोई राजनीतिक उदेश्य नहीं है और न ही इसे राजनीति की दृष्टि से देखा जाना चाहिए।
विक्रमादित्य ने केंद्र सरकार पर ईडी और सीबीआई पर विपक्षी की सरकारों को अस्थिर करने का आरोप लगाया और इन सरकारों के नेताओं को कई झूठे मामलों में फंसाने के लिए इन एजेंसियों का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। उन्होंने अपने परिवार के ऊपर चलाए जा रहे मामलों को एक षडयंत्र बताया और कहा कि केंद्रीय वित मंत्री अरूण जेटली के इशारों पर यह सब कुछ हो रहा है।