सोलन : हिमाचल दिवस के अवसर पर सोलन के ऐतिहासिक ठोडो मैदान में आयोजित जिला स्तरीय समारोह की अध्यक्षता सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य एवं बागवानी तथा सूचना एवं प्रोद्योगिकी मन्त्री विद्या स्टो ने की। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज फहराया और पुलिस, होमगार्ड, एनसीसी, स्काऊट एवं गाईड तथा स्कूली छात्रों द्वारा प्रस्तुत आकर्षक मार्चपास्ट की सलामी ली।
इस अवसर पर उन्होंने जि़लावासियों को हिमाचल दिवस की बधाई दी और उनके सुखद भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि आज हिमाचल प्रदेश को न केवल देश में, अपितु अन्तरराष्ट्रीय मंच पर भी पर्वतीय विकास का आदर्श माना जाता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के अभूतपूर्व विकास में प्रदेश की मेहनतकश जनता तथा कांग्रेस सरकारों का विशेष योगदान रहा है।
सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य मन्त्री ने कहा कि अपने अस्तित्व के साढ़े छ: दशकों में हिमाचल ने अतुल्य विकास किया है। वर्ष 1948 में जहां 70 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे रह रहे थे वहीं आज यह आंकड़ा मात्र 9 प्रतिशत है। वर्ष 1948 में प्रदेश के गठन के समय हिमाचल प्रदेश में मात्र 228 किलोमीटर सड़कें थी जबकि आज 33,737 किलोमीटर लबी सड़कें हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में देश के विकसित राज्य भी हिमाचल की ओर देखते हैं। हिमाचल प्रदेश देश के उन राज्यों में शामिल हैं जहां के सभी गांवों को पीने का पानी और बिजली की सुविधा उपलब्ध है।
सोलन जि़ला के विकास के संदर्भ में विद्या स्टोक्स ने कहा कि वर्ष 2014-15 में जि़ले में सिचंाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न योजनाओं पर लगभग 24 करोड़ रुपये खर्च किए गए। इस समयावधि में जि़ले की 182 बस्तियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाया गया। इस कार्य पर 13 करोड़ 75 लाख रुपये खर्चे गए। इसी समयावधि में विभिन्न सिंचाई योजनाओं पर 8 करोड़ रुपये खर्च किए गए। अभी तक जि़ले मं 7,371 हैक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा प्रदान की जा चुकी है। जि़ले के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में 2844 हैंडप प स्थापित किए जा चुके हैं। नालागढ़ शहर के लिए लगभग 17 करोड़ तथा बद्दी शहर के लगभग 34 करोड़ रुपये की मल निकासी योजना स्वीकृत की गई है।
उन्होंने कहा कि सोलन जि़ले में वर्ष 2014-15 में 217 हैक्टेयर अतिरिक्त क्षेत्र को बागवानी के तहत् लाया गया तथा बागवानों को 82 हजार फलदार पौधे वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि सोलन जि़ले को मशरूम के साथ सब्जी उत्पादन के लिए देशभर में जाना जाता है। जि़ले की 8,980 हैक्टेयर भूमि पर सब्जी उत्पादन किया जा रहा है।