नाहन (एमबीएम न्यूज): देश के पिछड़े जिलों में सिरमौर शुमार है। हैरान कर देने वाला आंकड़ा सामने आया है। इसके तहत 14 साल की उम्र तक के 217 बच्चों ने आज तक स्कूल की चौखट को पार नहीं किया। चिंता की बात यह है कि शहरी आबादी के नजदीक गांवों में भी शिक्षा की अलख नहीं जग पा रही है।
शिक्षा खंड माजरा में सबसे अधिक 48 बच्चे है, जो आजतक स्कूल नहीं पंहुचे। सुरला खंड में 36, राजगढ़ में 19, ददाहु में 19, नाहन में 15, नौहराधार में 14, बकरास में 12, शिलाई में 13, पांवटा साहिब में 17 बच्चों ने किसी भी स्कूल में दाखिला नहीं लिया। इसके अतिरिक्त अन्य शिक्षा खंडों में बच्चों की स्थिती कम है। शिक्षा खंड सतौन में 06, सराहां में 07, कफोटा में 06 व सबसे कम बच्चे नारग ब्लॉक में जो स्कूल नहीं गये है।
ऐसे आए आंकड़े सामने..
सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिला के सभी शिक्षा खंडों में स्कूल न जाने वाले बच्चों का सर्वें विभाग ने करवाया। इस सर्वें में एक अध्यापक, एक स्थानीय निवासी व एक एनजीओ प्रतिनिधि को शामिल किया था। पंचायत में सर्वें करने के बाद उस पंचायत से स्कूल न जाने वाले बच्चों की एक सूची स्थानीय प्रधान को भी सौंपी गई। फिर यह रिपोर्ट जिला सर्व शिक्षा परियोजना अधिकारी को सौंपी गई। जिस पर विभाग इन बच्चों को नजदीक के स्कूल में लाने का प्रयास कर रहा है।
1388 बच्चों ने दो साल में बीच से छोड़ा स्कूल
इस सर्वें में एक ओर बात सामने आई कि दो वर्षों के दौरान जिला सिरमौर के विभिन्न स्कूलों से 1388 बच्चों में बीच से ही पढ़ाई छोड़ दी। शिक्षा विभाग पिछले छ: महीनों में स्कूल छोड़ चुके 1388 बच्चों में से 100 बच्चों को वापिस लाने में कामयाब रहा। बाकी बच्चों को वापिस लाने के प्रयास किए जा रहे है।
गुरबत व परिवार की अनपढ़ता बनी बाधा..
रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि जिन बच्चों के माता-पिता अनपढ़ व गरीब हैं, वही बच्चे स्कूल नहीं गए हैं। बच्चों को स्कूल भेजने की बजाय मजदूरी की तरफ धकेला जाना, परिवारों की मजबूरी है। अगर कहीं मजदूरी पर नहीं जाते तो गांव में चंद गज के खेतों को बंदरों या जानवरों के आतंक से बचाने की जिम्मेदारी मिलती है, क्योंकि खेत में उगी फसल चौपट हो जाएगी तो दो वक्त की रोटी के भी लाले पड़ जाएंगे।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत जिला के सभी शिक्षा खंडों में स्कूल न जाने वाले या बीच में पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को सर्वें किया गया था। जिसमें पाया गया कि जिला में 217 बच्चें आज तक स्कूल नहीं गये। जिन 1388 बच्चों ने स्कूल छोड़ा उन्हें स्कूल लाने के लिए स्थानीय सीएचटी, बीआरसी व बीपीओ की जिम्मेदारी सुनिश्चित की गई है।
– मान सिंह ठाकुर, जिला परियोजना अधिकारी, सर्व शिक्षा अभियान सिरमौर