शिमला (एमबीएम न्यूज़) : धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने का मुद्दा विधानसभा में गुरूवार को फिर गूंजा। शिमला से भाजपा विधायक सुरेश भारद्वाज ने इस मुददे पर सरकार की घेराबंदी की। बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए सुरेश भारद्वाज ने धर्मशाला को दूसरी राजधानी बनाने को शिमला से अन्याय करार देते हुए कहा कि अंग्रेजों के समय शिमला से पांच देशों की सरकारें चलाई जाती थी। लेकिन आज इंटरनेट के युग में प्रदेश की दो राजधानियां बनाना प्रदेश को कर्ज के गर्त में धकेलना हैं।
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने राजधानी की घोषणा कर दी, लेकिन परिवहन मंत्री जीएस बाली और कौल सिंह ने मीडिया से कहा कि उन्हें जानकारी नहीं हैं। इसका मतलब है कि मंत्रियों को कुछ पता ही नहीं होता है। फैसलें कहीं और लिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस निचले हिमाचल को केवल झुनझुना देती रही हैं। केवल भाजपा ने निचले क्षेत्रों से शांता कुमार और प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री बनाकर भेजा था।
स्मार्ट सिटी के मुददे पर भी भाजपा विधायक ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि एक मंत्री के प्रेम में धर्मशाला को स्मार्ट सिटी बना दिया गया, जबकि शिमला टॉप पर थी। उन्होुंने कहा कि धर्मशाला न तो नगर निगम था और न ही जेएनएनआरयूएम में था लेकिन इसके नंबर दे दिए गए।
कर्ज लेने के मुददे पर सरकार पर हमला बोलते हुए भारद्वाज ने कहा कि 31 मार्च 2017 तक प्रदेश का कर्ज 45 हजार करोड़ के करीब पहुंच गया हैं। बजट में ढांचागत पूंजीगत विकास के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया हैं। प्रदेश का जो थोड़ा बहुत विकास हो रहा हैं वो मोदी सरकार की ओर दी जा रही मदद के बदौलत हो रहा हैं।