नाहन (संध्या कश्यप): कहने को तो सिरमौर का जिला अस्पताल अब मेडिकल कॉलेज का दर्जा हासिल कर चुका है। यकीन मानिए, यहां गर्भवती महिलाओं को फर्श पर बैठना पड़ता है। अब इस हालत में लाइन में खड़ा होकर अपनी बारी की इंतजार नहीं कर सकती हैं, लिहाजा उनकी जगह पति लाइन में खड़े होकर पारी का इंतजार करते हैं।
बुधवार को एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने मौके का जायजा लिया तो कई हैरान कर देने वाली बातें सामने आई। महज दो स्त्री रोग विशेषज्ञ पूरी शिद्दत से महिला रोगियों को जांचने में लगे थे। खंगालने पर पता चला कि अस्पताल में 15 की बजाय तीन स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं। इसमें से एक छुट्टी पर है। प्रो. बीआर शर्मा व डॉ. अमोध भूख-प्यास भूल कर डयूटी पर लगे थे। करीब 16 से 18 घंटे की डयूटी स्त्री रोग विशेषज्ञ दे रहे हैं।
महिला ओपीडी में लगभग 150 रोगी रोजाना आते हैं। अलबत्ता अगर कॉलेज प्रशासन डॉक्टरों की तैनाती करने में असमर्थ है तो कम से कम गर्भवती महिलाओं के लिए बैंच की व्यवस्था तो कर सकता है। आलम यह हो रहा है कि कई बार अस्पताल परिसर ऐसा नजर आने लगता है मानो कीर्तन हो रहा हो।
इस बारे जब स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अमोध से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि हरेक रोगी को अटैंड करने की कोशिश की जाती है। उन्होंने बताया कि औसतन 50 से 70 मरीज रोजाना तो देखने ही पड़ते हैं। एक मरीज को अटैंड करने में 20 से 25 मिनट का वक्त तो लग ही जाता है।