नाहन (एमबीएम न्यूज) : एमबीएम न्यूज नेटवर्क का प्रयास है, अपने पाठकों को ऐसी शख्सियतों से मिलवाना, जो कठिन से कठिन चुनौती का सामना करते हुए मुकाम हासिल करते हैं। यहां बात की जा रही है कर्मदत्त शर्मा की। 1997 में सेना में भर्ती हुए। 16 साल की सेवा के बाद वापस लौटे तो निजी तौर पर पढ़ाई पूरी कर टीजीटी का पद हासिल किया।
चाहते तो यहां संतुष्ट हो जाते, लेकिन नहीं। मुकाम हासिल करना था। पढ़ाई जारी रखी। संगड़ाह उपमंडल के माईना गांव के रहने वाले कर्मदत्त शर्मा के पिता किसान हैं, जबकि मां गृहणी। घर में पढ़ाई का माहौल है। दोनों भाई जेबीटी हैं, तो पत्नी भी जेबीटी के पद पर कार्यरत है। एक भाई राजकुमार शर्मा डीएफओ के पद पर तैनात है। सेना की नौकरी के साथ-साथ भी पढ़ाई से मन नहीं चुराया।
अब शनिवार शाम जब हिमाचल प्रदेश लोकसेवा आयोग ने कॉलेज कैडर के सहायक प्रोफैसर के पद का परिणाम जारी किया तो सोशलॉजी विषय में कर्मदत्त शर्मा को सफलता मिली। कुल मिलाकर इस सफलता की अहम बात यह है कि जीवन के हर पड़ाव में कुछ न कुछ अर्जित किया जा सकता है, बशर्ते लगन व दिशा सही हो।