हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : निजी अस्पतालों पर सरकार ने शिकंजा कस दिया है। अस्पताल में बेची जा रही दवाइयों के रजिस्ट्रेशन को अनिवार्य किया गया है। बावजूद इसके कुछ अस्पताल प्रबंधन वैट एक्ट की अवहेलना कर रहे हैं। लिहाजा आबकारी एवं कराधान विभाग हमीरपुर ने कार्रवाई करना शुरू कर दिया है। इसी के चलते दो निजी अस्पतालों का रिकॉर्ड विभाग ने जब्त कर लिया है।
हमीरपुर में इस औचक निरीक्षण के लिए विभाग की पांच टीमें गठित की गई हैं। निरीक्षक के नेतृत्व में गठित टीमें वैट एक्ट के अधीन आने वाली औपचारिकताओं को जांचेगी। पहली बार स्वास्थ्य विभाग के अधीन आने वाले निजी अस्पतालों पर एक्साइज की छापामारी हुई है।
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक निजी अस्पताल प्रबंधन अपने परिसर के भीतर मेडिकल स्टोर भी चलाते हैं। वैट एक्ट के नियम अनुसार यदि मेडिकल स्टोर में बेची जाने वाली सभी दवाइयां राज्य के अधीन ही तैयार हुई हैं तो ऐसी दवाइयों के 8 लाख रुपये बजट तक किसी भी प्रकार का टैक्स अदा नहीं करना होगा। इससे अधिक बजट पर वैट एक्ट के अधीन औपचारिकताएं पूर्ण करनी होगी।
इसी एक्ट में यह भी प्रावधान है कि यदि मेडिकल स्टोर के भीतर 1 लाख रुपये से कम बजट की दवाइयां हैं, लेकिन अधिकतर दवाइयां राज्य के बाहर से आई हैं तो ऐसे में प्रबंधन को वैट एक्ट की औपचारिकताएं पूर्ण करते हुए कर भी अदा करना होगा।
विभाग द्वारा की गई छापामारी के दौरान दो अस्पतालों में चल रहे मेडिकल स्टोर के दस्तावेज जब्त किए गए हैं। अब इन दस्तावेज का निरीक्षण टीम के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। यदि एक्ट की अवहेलना पाई जाती है तो ऐसे में अस्पातल प्रबंधन को एक्साइज जुर्माना करेगी। आबकारी एवं कराधान विभाग आयुक्त कुलभूषण गौतम ने इसकी पुष्टि की है।
उनका कहना है कि हमीरपुर में इस निरीक्षण के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। गठित की गई टीमें निजी अस्पतालों का औचक निरीक्षण कर रही हैं। दो अस्पतालों का रिकॉर्ड जब्त किया गया है। एक्ट का उल्लंघन पाया जाता है तो जुर्माना किया जाएगा।