मनाली (एमबीएम न्यूज): कन्नड़ मूल की लापता 19 साल की श्रद्धा बरामद हो गई है। धर्मशाला – मैक्लोडगंज के बीच से पुलिस ने श्रद्धा को बरामद किया है। दरअसल कर्नाटक की रहने वाली श्रद्धा की अपने माता-पिता से अनबन रहती थी। साथ ही बौद्ध धर्म की तरफ आकर्षित थी। इसी कारण खुद मनाली से गायब हुई थी। 14 जनवरी से लापता श्रद्धा बेहद तेज दिमाग की लडक़ी है। एक फोन नंबर मनाली में ही बदल लिया था, जबकि इसके बाद दूसरा नंबर धर्मशाला पहुंच कर बदला, ताकि उसके ठिकाने की किसी को भनक न लगे।
पुलिस ने भी पूरी चौकसी से सर्च ऑपरेशन चलाया हुआ था। जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि श्रद्धा मनाली में ही गोंपा मंदिर गई थी, जहां उसने बौद्ध धर्म के बारे में पूछताछ की। साथ ही धर्मशाला की तरफ जाने वाली बसों के बारे में भी जानकारी जुटाई थी। इतना तय है कि श्रद्धा अपने माता-पिता के पास नहीं लौटना चाहती। जमा दो की पढ़ाई कर चुकी श्रद्धा हिन्दी नहीं बोलती, बल्कि अंग्रेजी में ही बात करती है।
सूत्र बता रहे हैं कि श्रद्धा की तलाश के लिए एक टीम गठित की गई थी, जिसे शुक्रवार दोपहर अढ़ाई बजे के आसपास मैक्लोडगंज के नजदीक श्रद्धा को बरामद करने में सफलता मिली। एसपी पदम ठाकुर ने श्रद्धा की बरामदगी की पुष्टि की है।
यह भी रहा पुलिस के लिए मददगार..
दरअसल पुलिस को यह लीड तो मिल चुकी थी कि श्रद्धा बौद्ध धर्म की तरफ आकर्षित है। लिहाजा वह मैक्लोडगंज की तरफ जा सकती है। पुलिस को यह भी शक हुआ कि श्रद्धा अपने मोबाइल नंबर बदल लेगी, लिहाजा श्रद्धा के आधार कार्ड को फ्लैश किया गया था, ताकि नया नंबर लेने की स्थिति में पुलिस को मोबाइल नंबर मिल जाए। धर्मशाला में जब श्रद्धा ने नया सिम लिया तो फौरन ही पुलिस को सूचना मिल गई। मोबाइल लोकेशन के आधार पर श्रद्धा को बरामद कर लिया गया।
चूंकि सोशल मीडिया समेत प्रिंट मीडिया में गुमशुदगी ने काफी तूल पकड़ा, इसी कारण पुलिस पर भी अतिरिक्त दबाव बन गया था। कुल मिलाकर मामला दर्ज होने के चंद दिन के भीतर ही श्रद्धा की गुमशुदगी की गुत्थी सुलझ गई है। मनाली के डीएसपी पुनीत रघु ने माना कि श्रद्धा अपने माता-पिता के पास नहीं लौटना चाहती। उन्होंने यह भी बताया कि शुरू में पुलिस को भी श्रद्धा ने सहयोग नहीं दिया। डीएसपी ने इस बात की भी पुष्टि की कि श्रद्धा का बौद्ध धर्म की तरफ आकर्षण था।