रामपुर : बारिश और ठण्ड के बावजूद जेपी कंपनी के सैकड़ो मज़दूर खुले आसमान के नीच सर्द रातें काटने पर मज़बूर हैं। दो सप्ताह से बिना नहाए धोए, जेब में फूटी कोडी भी नहीं और सारा सामान रिहायशो में बंद है। उल्लेखनीय है की किन्नौर में 1000 मेगावाट की करछम वांगतू और 300 मेगावाट की बास्पा जल विद्युत परियोजना के संचालन में लगे 1364 मजदूर 14 जनवरी से श्रम कानूनों और फेक्ट्री एक्ट लागू करने की मांग को ले कर आंदोलन कर रहे हैं।
ज़िला प्रशासन ने टापरी और आसपास कोई अप्रिय घटना न हो, इसे ले कर 18 मार्च की शाम से 144 लगा दिया था क्योंकि 19 मार्च को किसान मज़दूरों ने महा रैली आयोजन करना था। 19 मार्च को जैसे ही मज़दूर रैली के लिए निकले, उसके बाद जेपी पॉवर वेंचर की और से उन के रिहायशो में ताले लगा दिए गए। मज़दूर कालोनियो में पुलिस और जेपी के सुरक्षा कर्मी रात-दिन पहरा दे रहे हैं। मज़दूरों को परिसर में जाने की इजाजत नहीं है।
हालांकि मज़दूर तर्क दे रहे हैं कि विवाद से जुड़ा मामला श्रम न्यायालय में है, इसलिए न्यायालय का सम्मान करते हुए यथास्तिथि हो। मजदूरों का कहना है कि उनके मौलिक अधिकरों का दमन हो रहा है। अब मज़दूरों के कपडे जरूरी सामान यहां तक की कईयो ने अपने मोबाइल भी कमरों में होने की बात कही है। न पैसा, न सिर पर छत, ऊपर से बेवफा आसमान मज़दूरों को खुले आसमान को आशियाना बनाने को मजबूर कर रहा है। बस सहारा है तो आग का। हाथ पैर जमने पर आग ताप कर राहत ले रहे हैं।