मंडी (वी.कुमार) : हिमाचल प्रदेश में विकास कार्य कितनी धीमी गति से होते हैं इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा लीजिए कि मात्र 10 किलोमीटर सड़क को चौड़ा करने और उस पर टायरिंग करने में 5 वर्षों से भी अधिक का बीत गया। केंद्र सरकार से 36 करोड़ की राशि मिल चुकी है लेकिन सड़क का निर्माण कार्य कछुए की चाल से भी धीमा है।
लगभग 5 वर्ष पहले केंद्र सरकार ने मंडी जिला के धर्मपुर उपमंडल के तहत बरोटी से कमलाह तक बनने वाली सड़क को चौड़ा करने तथा इस पर टायरिंग करने के लिए 36 करोड़ की धनराशि मंजूर की। सेंटर रोड़ फंड से हिमाचल प्रदेश के लोक निर्माण विभाग को पैसा भी मिल गया और ठेकेदार को काम भी दे दिया गया। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पांच वर्षों में 30 किलोमीटर की इस सड़क का मात्र 10 किलोमीटर हिस्सा ही बनकर तैयार हो पाया है। बाकी 20 किलोमीटर पर काम मर्जी से चला हुआ है। जब कभी मन करे तब काम कर लिया जाता है और जब न करे तो रहने दिया जाता है।
भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रजत ठाकुर के अनुसार लंबे समय तक यह काम बंद रहा और जब भाजपा ने इस काम के बंद होने का विरोध किया तो कहीं जाकर सरकार ने इसे फिर से शुरू करवाया लेकिन अभी भी यह काम कछुआ गति से चला हुआ है।
धर्मपुर से कमलाह तक सड़क की हालत बेहद खस्ता है। सड़क को चौड़ा करने के नाम पर आधा अधूरा काम किया गया है जिसका खामियाजा यहां से गुजरने वाले लोगों को भुगतना पड़ता है। हर वक्त धूल-मिट्टी के कारण लोगों का जीना दुभर हो गया है। जब इस बारे में लोक निर्माण विभाग धर्मपुर मंडल के अधिशाषी अभियंता सुधीर मित्तल से बात की गई तो उन्होंने जल्द ही इस कार्य को पूरा करने का भरोसा दिलाया।
बहरहाल पांच वर्ष से अधिक का समय बीत चुका है और आने वाले कितने वर्ष इसके लिए और लगेंगे इसका अंदाजा लगाना अभी थोड़ा मुश्किल है। क्योंकि 20 किलोमीटर से ज्यादा का काम लंबित पड़ा है। अगर 10 किलोमीटर को ही 5 वर्ष लग गए तो अंदाजा लगा लिजिए कि 20 किलोमीटर को कितने वर्ष लगेंगे।