नाहन(एमबीएम न्यूज़): गिरि पेयजल योजना की स्टेट्स रिपोर्ट अब आईपीएच विभाग हर तीन माह बाद उच्च न्यायालय को सौंपेगा। रिपोर्ट में विभाग बताएगा कि तीन माह में योजना के कार्य में कितनी प्रगति हुई। इस कार्य को विभाग की रिपोर्ट के अनुसार ही प्रदेश हाई कोर्ट ने टाइम बाउंड भी कर दिया है। मार्च, 2018 तक इस कार्य को पूरा करने के आदेश विभाग को दिए गए हैं। यही नहीं विभाग के इस कार्य की नागरिक सभा नाहन मोनिटरिंग करेगा। यदि सभा को लगेगा कि कार्य को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है तो विभाग के खिलाफ हाई कोर्ट में फिर प्रार्थना पत्र दाखिल किया जा सकता है।
यह बात शनिवार को नाहन में आयोजित पत्रकार वार्ता में नागरिक सभा के प्रधान दिग्विजय गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि पहले विभाग योजना के लिए फंडस की कमी का बहाना बनाता रहा। सभा द्वारा हाई कोर्ट में पेटिशन दायर करने के बाद विभाग के पास 21 करोड़ की राशि भी उपलब्ध हो गई। साथ ही गिरि योजना के कार्य के टेंडर भी कर दिए।
पहले मात्र 14 लाख का फंड बताया गया था। उन्होंने कहा कि नाहन शहर में पेयजल संकट की सबसे बड़ी समस्या है। अभी नाहन शहर की प्यास दो पेयजल योजनाओं खैरी व नेहरस्वार से बुझाई जा रही है। दोनों पेयजल योजनाएं शहर के 25 से 30 लाख लीटर प्रतिदिन पानी की आपूर्ति करती है, जो नाकाफी है। दोनों पेयजल योजना के राइजिंग मैन बदलने का कार्य भी अभी पूरा नहीं हो पाया है।
कई बार शहर में तीन-तीन दिन तक भी पानी की आपूर्ति नहीं होती। जबकि निर्माणाधीन तीसरी पेयजल योजना का कार्य चार साल बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। विभाग की स्टेट्स रिपोर्ट को आधार मानकर सभा ने इसे हाईकोर्ट में चुनौती दी। इसके बाद विभाग ने तीनों योजनाओं के कार्य को पूरा करने के लिए टाइम बाउंड सहित कई अन्य अहम फैसले सुनाए।
उन्होंने विभाग से मांग की कि जल्द ही तीनों कार्यों को पूरा किया जाए। ताकि शहर में पेयजल किल्लत की कमी दूर हो सके। विदित रहे कि नाहन शहर के लिए गिरि नदी से बन रही तीसरी उठाऊ पेयजल योजना का कार्य 31 मार्च 2015 तक पूरा नहीं हो पाया है। इसके बाद 2016 भी बीत चुका है।
लेकिन योजना फिर भी पूरा होने का नाम नहीं ले रही है। साल 2011 में तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने नाहन में योजना का शिलान्यास किया था। शहर के लोगों की पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुए शहर की नागरिक सभा ने विभाग से प्राप्त आरटीआई में प्राप्त स्टेट्स रिपोर्ट को प्रदेश उच्च न्यायालय में चुनौती दी।
27 दिसंबर 2016 को माननीय उच्च न्यायालय ने अपना फैसला सुनाते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिए कि गिरि उठाऊ पेयजल योजना का कार्य 31 मार्च 2018 तक पूरा हो जाना चाहिए। साथ ही कहा कि सिंचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग हर तीन माह बाद उच्च न्यायालय में योजना के कार्य की वास्तविक स्थिति रिपोर्ट भी फाइल करेगा।
इसके अलावा उच्च न्यायालय ने खैरी उठाऊ पेयजल योजना व नेहर स्वार प्रवाह पेयजल योजना में राइजिंग मैन बदलने का कार्य 31 मार्च 2017 तक पूरे करने के आदेश भी जारी किए। इस मौके पर सभा के महासचिव ओएल चौहान, वरिष्ठ उपप्रधान दलीप सिंह वर्मा, याकूब बेग, मदन सिंह पंवार, कोषाध्यक्ष वीके अग्रवाल, योगेश्वर गौतम, ओपी सरीन के अलावा अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।