मंडी (वी कुमार) : लग्जरी कार चोरी मामले में पुलिस को अपनी अब तक की जांच में इस बात का पता चला है कि इन गाडि़यों को दूसरे राज्यों से चुराने के बाद हिमाचल में फर्जी नंबर डालकर बेचा जाता था। पुलिस ने इस सभी पहलुओं पर जांच पड़ताल शुरू कर दी है और पूरे रैकेट तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है।
लग्जरी कार चोरी मामले में मंडी जिला पुलिस अभी तक 18 वाहनोंको अपने कब्जे में ले चुकी है। इनमें से 4 वाहनों की सही जानकारी पुलिस के पास पहुंच गई है। एएसपी मंडी कुलभूषण वर्मा ने इसकी पुष्टि की है। इसमें दो इनोवा कारें कर्नाटक के बैंगलुरू की हैं, जबकि एक एक्सयूवी दिल्ली की और एक टाटा सफारी यूपी की है। इन गाडि़यों की सारी जानकारी इनके इंजन और चैसी नंबर के आधार पर प्राप्त हुई है।
अब मंडी जिला पुलिस इन गाडि़यों के असली मालिकों तक पहुंचने में जुटी हुई है। एएसपी मंडी कुलभूषण वर्मा का मानना है कि संबंधित राज्यों की पुलिस से पूरे मामले को लेकर बातचीत चल रही है और सारी जानकारी जुटाने का प्रयास किया जा रहा है।
वहीं इस मामले में कबाडि़यों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई है, जो लोग अपनी गाडि़यों को कबाड़ के रूप में बेच देते हैं, उन गाडि़यों के चैसी और इंजन नंबर का इस्तेमाल चुराई गई कारों के कागज बनाने के लिए किया जाता है। इसलिए अब पुलिस ने इसमें शामिल लोगों की सारी डिटेल निकालने का कार्य शुरू कर दिया है। गाड़ी कहां से चुराई गई, किसे बेची गई और कितने में बेची गई, नंबर को बदलवाने में किसका हाथ रहा, इन सभी बातों को लेकर पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है।
बता दें कि इस पूरे मामले में कुछ पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत भी सामने आ रही है, जिसके चलते एसपीमंडी ने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ भी जांच केआदेश जारी कर दिए हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि इस पूरे गोरखधंधे में कई बड़े लोगों के चेहरों पर से भी नकाब उठने वाला है।