नेरचौक (कपिल सेन) : ऐतिहासिक नलसर झील के सौन्दर्यकर्ण की कवायद आखिर शुरू हो ही गई। प्रशासन ने पयर्टन की दृष्टि से झील के सौन्दर्यकर्ण का निर्णय लिया है। जिसके लिए प्रशासन ने खण्ड विकास अधिकारी, राजस्व विभाग सहित स्थानीय पंचायत को औपचारिकताएं पूर्ण करने के निर्देश जारी किये हैं।
इसी सन्दर्भ में अतिरिक्त उपायुक्त की अगुवाई में बीडीओ बल्ह, सुन्दरनगर, गोहर, तहसीलदार बल्ह सहित स्थानीय पंचायत प्रधान ने झील के सौन्दर्यकर्ण की सम्भावनाओं को तलाशा और उपरान्त एक बैठक कर कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिए। बता दें कि नलसर झील राजस्व विभाग के रिकॉर्ड के मुताबिक 47 बीघा भूमि पर है। लेकिन मौजूदा समय में अतिक्रमण के चलते इसका परिक्षेत्र सिकुड़ चुका है।
अतिरिक्त उपायुक्त द्वारा सर्वप्रथम झील क्षेत्र की निशानदेही के आदेश जारी किए गए हैं। शीघ्र ही झील के परिक्षेत्र को पूरा कर अतिक्रमणकारियों के ऊपर गाज गिरना स्वभाविक है। वहीं नलसर झील के अस्तित्व को बचाने के लिए स्थानीय पंचायत अपने स्तर पर हर सम्भव प्रयास करती रही है, लेकिन वह नाकाफी साबित हुआ है। जिसका मुख्य कारण प्रशासनिक अनदेखी रहा है, लेकिन झील के अस्तित्व को बनाये रखने के लिए स्थानीय विधायक एवं मन्त्री प्रकाश चौधरी द्वारा गहरी रूचि लेने पर प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है। जिससे लगता है कि आने वाले समय में झील का अस्तित्व सुन्दर एवं सुरक्षित हो जायेगा।
वहीं आस-पास के बेरोजगार होटल इन्डस्ट्री व रैजार्टस आदि खोल स्वरोजगार अपना लाभ कमा सकेंगे। और विश्व के मानचित्र में पर्यटन स्थल के रूप में नलसर झील भी आ सकेगी। इस झील का इतिहास धार्मिक मान्यता से भी जुड़ा है।
दन्त कथाओं के मुताबिक महाभारत काल में पांडव जब नलसर में पहुंच जब रात्रि ठहराव किया उस दौरान वे अपने आराध्या देव कमरूनाग को यहां स्थापित करना चाहते थे लेकिन सुबह होने से पहले यह कार्य अधूरा रह गया। जिसके चलते आराध्या देव की स्थापना न हो सकी। वहीं रिवालसर झील से भी इसका नाता जोड़ा जाता है। रिवालसर में बैसाखी मेले से पूर्व नलसर में भी ग्रामीण मेले का आयोजन करते हैं, जिसमें आस-पास के सैंकड़ों कन्याएं लाहुलों का पूजन कर झील की परिक्रमा की लाहुलों को प्रवाहित करते हैं। वार्षिक मेले के दौरान आस-पास के देवी-देवता भी मेले में शिरकत करते हैं।
नलसर झील के सौन्दर्यकर्ण को लेकर प्रशासन सक्रिय हुआ है। अतिरिक्त उपायुक्त के निर्देशानुसार शीघ्र ही झील के परिक्षेत्र की निशानदेही कर अतिक्रमणकारियों को हटाया जायेगा। -जय गोपाल शर्मा, तहसीलदार बल्ह
नलसर झील के परिक्षेत्र का मुआयना कर निशानदेही के निर्देश तहसीलदार बल्ह को दिये गए हैं। निशानदेही के बाद अतिक्रमण को शीघ्र हटाया जायेगा।
-हरिकेश मिणा- अतिरिक्त उपायुक्त’’’
बल्ह के विकास को गति देने के लिए दिन रात कार्य करवाये जा रहे है। उसी कड़ी में नलसर झील के सौन्दर्यकर्ण के लिए प्रशासन को सम्भावना तलाशने के लिए कहा गया है। हिमाचल में नये सुन्दर एवं पयर्टन स्थल को तलाशने व उभारने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासर्रत है। जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे और नलसर झील भी विश्व के मानचित्र में शुमार होगी। – प्रकाश चौधरी, आबकारी एवं कराधान मन्त्री