ब्यूरो/ नाहन: सिरमौर के जिला अस्पताल में फार्मासिस्टों की कमी के कारण स्वास्थय सुविधाऐं राम भरोसे है। रोगी कल्याण समिति के तहत नियुक्त फार्मासिस्टों को अतिरिक्त बोझ का सामना करना पड रहा है। नौबत यहां तक पहुंच चुकी है कि अतिरिक्त बोझ के कारण फार्मासिस्ट नौकरी से इस्तीफा देने लगे है। मंगलवार को एक नाटकीय घटनाक्रम में स्वास्थय विभाग ने एक महिला फार्मासिस्ट का इस्तीफा वापिस करवाने में सफलता हासिल कर ली लेकिन एक फार्मासिस्ट का इस्तीफा मंजूर करने पर विभाग को बाध्य होना पडा। दरअसल फार्मासिस्टों की कमी की वजह से विभाग को एक नया रोस्टर जारी करना पडा जिसके तहत फार्मासिस्टों की 18 घंटे की ड्यूटी तय कर दी गई जिससे गुस्साए 2 फार्मासिस्टों ने इस्तीफे दे दिए। सूत्रों के मुताबिक पिछले एक सप्ताह में ओपीडी में तैनात डाक्टरों को ही फार्मासिस्ट का काम करने पर बाध्य होना पडा। रोगी कल्याण समिति के तहत जिला अस्पताल में 4 फार्मासिस्ट तैनात है जिनके दम पर स्वास्थय सुविधाओं को नहीं चलाया जा सकता। सूत्रों की मानें तो एक महिला फार्मासिस्ट ने डाक से भेजे गए अपने इस्तीफे में अतिरिक्त बोझ को वजह बताया था। प्राप्त आंकडो के अनुसार सिरमौर जिला में विभाग को 68 फार्मासिस्टों की आवश्यकता है जिसमें से मात्र 23 फार्मासिस्ट ही तैनात है। हालांकि विभाग अतिरिक्त बोझ के आरोपों को नकार रहा है लेकिन सच्चाई यही है कि जिला अस्पताल में ओपीडी की सेवाऐं महज 3 फार्मासिस्टों के हवाले रह गई है। नियमित फार्मासिस्टों को विभाग ने दवा भंडारण केन्द्रों में तैनात किया हुआ है। उधर जब इस बारे मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 एस के गांधी से बात की गई तो उन्होनंे माना कि एक फार्मासिस्ट का इस्तीफा मिला है जबकि एक महिला फार्मासिस्ट ने अपना इस्तीफा वापिस ले लिया है।
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