हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : रक्त के अभाव में अब हमीरपुर में किसी की जान नहीं जा सकेेगी। समाज के प्रति बेहतर करने की सोच में हमीरपुर एक मिसाल बन गया बनाए गए इस ग्रुप है। हमीरपुर में ब्लड डोनेशन ग्रुप ने यह नई मिसाल तैयार की है। 23 सितंबर को ने अब तक 40 लोगों को रक्त के अभाव में रक्त उपलब्ध करवाकर उनकी जान की रक्षा में सहयोग किया है।
23 सितंबर को यह ग्रुप पेशे से चिकित्सक डा. पुष्पेंद्र वर्मा ने तैयार किया। चंद लोगों को इसमें जोड़ा गया। 12 दिनों के भीतर इसमें करीब 200 लोग जुड़ गए और एडमिन की संख्या भी 20 का आंकड़ा पार कर चुकी है। ग्रुप के एडमिन डा. पुष्पेंद्र वर्मा क्षेत्रीय अस्पताल में कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि अकसर उन्हें रक्त के अभाव में लोगों के फोन आते हैं। अस्पताल में कई बार ग्रूप का खून नहीं भी होता है। ऐसे में रक्तदान केंद्र में लगाए गए रजिस्ट्रर से लोगों के नाम खंगालने उपरांत उन्हें फोन करने पड़ते हैं। ऐसे में कई लोग या तो खून देने में परहेज करते हैं या फिर लोग कहीं दूर होते हैं।
इस समस्या से निपटने के लिए उनके मन में यह एक नई सोच पैदा हुई कि व्हाटसऐप पर रक्तदान का एक ग्रुप तैयार किया जाए। ग्रुप में शामिल हर व्यक्ति एडमिन की भूमिका निभा कर और लोगों को इसके साथ जोड़ेगा। जरुरत पडऩे पर ग्रुप पर मैसेज के जरिए रक्त ग्रूप पोस्ट किया जाएगा। इसी सोच के मुताबिक उन्होंने कार्य शुरु किया और 23 सितंबर को ग्रुप का गठन कर दिया। अब ग्रुप पर रक्त की जरुरत का मैसेज पोस्ट होते ही संबंधित गू्रप का व्यक्ति मैसेज के जरिए आगे आ जाता है और तुरंत खून की व्यवस्था हो रही है।
ग्रुप का निर्माण ब्लड डोनेशन के नाम से किया गया है। मात्र 12 दिनों में ग्रुप के साथ जुड़े सदस्यों ने करीब 40 लोगों को समय पर रक्त उपलब्ध करवाकर उनकी जान बचाई है। हमीरपुर में बनाए गए इस ग्रुप में हर वर्ग के लोग शामिल हैं और इनकी संख्या दिन व दिन बढ़ती जा रही है।
आधुनिक तकनीक का सही इस्तेमाल क्या होता है उसका प्रमाण यहां से मिला है। भावी पीढ़ी को इससे सबक लेना होगा। एंडरायड फोन का युवक दुरुपयोग कर रहे हैं, जबकि इस सुविधा का सही उपयोग यही है कि जरुरत पडऩे पर हम एक दूसरे के काम तुरंत आ जाएं और इसी की मिशाल हमीरपुर के ब्लक डोनेशन ग्रुप ने तैयार की है।
रक्तदान महादान हैं। लोगों को जागरुक करने के लिए स्वास्थ्य विभाग के साथ साथ अब तक सरकारें पूरा जोर लगा चुकी हैं, लेकिन ऐसी व्यवस्था करने में अब तक की सारे सरकारें विफल रहीं। हमीरपुर के चंद लोगों का समूह अब लोगों की जान बचाने में भी सफल हो रहा है। यदि पूरा हिमाचल इस ग्रुप का सदस्य हो जाए तो रक्त के अभाव में होने वाली मृत्यु की दर पर विराम लग जाएगा।