मंडी (वी कुमार) : अगर आपके घर के पास पीएचसी यानी प्राइमरी हेल्थ सेंटर है और आप वहां पर 24 घंटे की सेवाओं का भ्रम पाले बैठे हैं तो फिर इस बात को भूल जाईए। सरकार ने पीएचसी में 24 घंटे की सेवाओं को बंद कर दिया है और इसका कारण है इन पीएचसी में कम स्टाफ की तैनाती।
सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य को अपनी प्राथमिकता बताने वाली राज्य सरकार ने अब पीएचसी यानी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 24 घंटे की सेवाएं बंद कर दी हैं। हालांकि कुछ पुरानी पीएचसी में यह सुविधा अभी मिल रही है लेकिन इनकी संख्या नाममात्र की भी नहीं रह गई हैं, क्योंकि सरकार ने अधिकतर पुरानी पीएचसी को अपग्रेड करके सीएचसी बना दिया है और जो नई पीएचसी खोली जा रही हैं उनमें 24 घंटे की सुविधा उपलब्ध नहीं है।
30 हजार की आबादी पर एक पीएचसी खोलने का प्रावधान होता है लेकिन प्रदेश में 10 से 12 हजार की आबादी पर एक पीएचसी खोली गई है जबकि ब्लाक स्तर पर सीएचसी की सुविधा दी गई है। 24 घंटे की सेवाएं सिर्फ सीएचसी में ही उपलब्ध हैं। नई जो पीएचसी खुल रही हैं उनमें सिर्फ एक डाक्टर, एक नर्स, एक फार्मासिस्ट और एक चपरासी की पोस्ट ही स्वीकृत हैं। इतनी कम पोस्ट पर 24 घंटे की सुविधाएं दे पानी संभव नहीं है, जिसके चलते इनमें 24 घंटे की सेवाओं को बंद कर दिया गया है।
मंडी जिला की बात करें तो जिला भर में 73 पीएचसी स्थापित की गई हैं, जहां पर मरीजों को 24 घंटे सेवाएं नहीं मिल रही हैं। वहीं जिला में 13 सीएचसी यानी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। इनमें 4 डाक्टर, 4 स्टाफ नर्स और बाकी पैरामेडिकल स्टाफ की सुविधा मौजूद है जिसके चलते इनमें 24 घंटे की सेवाएं दी जा रही हैं।
सीएमओ मंडी डॉ देशराज शर्मा ने बताया कि नई खुली पीएचसी में 24 घंटे की सेवाएं नहीं दी जा रही हैं जबकि कुछ पुरानी पीएचसी में स्टाफ अधिक होने के चलते यह सुविधा दी जाती थी, लेकिन अब यह सुविधा सिर्फ सीएचसी या इससे उपर के स्तर वाले अस्पतालों में ही दी जा रही हैं।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश एक पहाड़ी प्रदेश है जहां की भौगोलिक परिस्थिति किसी से छुपी नहीं है। यहां के लोगों को आज भी आपातकालीन स्थिति में काफी दूर तक जाना पड़ता है, क्योंकि सरकार ने जो पीएचसी खोली हैं उनमें एक तो डाक्टरों और अन्य स्टाफ की भारी कमी चल रही है और अब इनमें 24 घंटे की सेवाओं को भी बंद कर दिया गया है।