ऊना (एमबीएम न्यूज़) : प्रदेश में उपभोक्ताओं को गुणवत्ता वाला राशन उपलब्ध करवाने के दावे धरातल पर खोखले साबित हो रहे हैं। ऊना जिला के विभिन्न सरकारी राशन की दुकानों पर इन दिनों उपभोक्ताओं को घटिया राशन वितरित किया जा रहा है। जिससे खाद्य आपूर्ति विभाग के दावों की पोल खुल रही है। पहले रैंसरी में घटिया किस्म के राजमांह व गीली चीनी के बाद अब लोअर देहलां में उपभोक्ता को कंकड युक्त गंदम देने के मामला प्रकाश में आया है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि विभाग के मंत्री भी इस पर आंखे मूंदकर बैठे हुए हैं।
लोअर देहलां के दिव्यांग सुभाष चंद ने आरोप लगाया कि गांव की कोपरेटिव सोसायटी से उसे पहले कीड़े युक्त गंदम दिया गया, जिसकी शिकायत करने के बाद सोसायटी होल्डर ने गेहूं बदल दिया। सुभाष चंद ने बताया कि घर जाकर जब गेहूं देखा तो दंग रह गया कि उसमें मिट्टी व कंकड भरे हुए थे। इस बारे जब सोसायटी में खराब राशन की सप्लाई के बारे में पूछा तो उसने पल्ला झाडते हुए पीछे से ऐसी ही खेप आने की बात कही है।
उन्होंने कहा कि पिछले कई माह से पूरा राशन नहीं मिल रहा है। ऊपर से कीडे व कंकड मिट्टी युक्त गेहूं बांटकर लोगों के साथ भद्दा मजाक किया किया। सुभाष चंद ने लोअर देहलां की कोपरेटिव सोसायटी से मिलने वाले राशन की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए गेहूं लेने से इंकार कर दिया। उन्होंने बताया कि गेहूं इतना खराब है कि इसे मवेशियों को भी नहीं दिया जा सकता।
गौर रहे कि सरकारी डिपूओं में मिल रहे घटिया राशन के चलते उपभोक्ताओं में रोष है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि डिपूओं के माध्यम से सरकार सस्ते राशन की जगह बीमारियां को बढ़ावा दे रहे हैं। वहीं संबंधित विभाग का भी इस ओर कोई ध्यान नहीं है। मात्र लोगों को राशन कर सप्लाई पहुंचाकर खानापूर्ति की जा रही है।
क्या कहते है खाद्य आपूर्ति विभाग?
खाद्य आपूर्ति विभाग के जिला नियंत्रक लक्ष्मण कनेट कहा कि यदि डिपुओं में लोगों को खराब राशन मिल रहा है तो इसकी जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि लोअर देहलां में उपभोक्ता को दिया गया गेहूं बदलने के आदेश दिए गए हैं। उन्होंने लोअर देहलां की को-ऑपरेटिव सोसायटी में पडे कंकड व मिट्टीयुक्त स्टाक को उठाने के भी आदेश दिए हैं।