नाहन (एमबीएम न्यूज) : भारत की पारंपरिक मिठाई गुड पर इन दिनों मोगीनंद विद्यालय में विज्ञान प्रवक्ता संजीव अत्री फिल्म बना रहे हैं। यह फिल्म एक पारंपरिक तकनीक पर आधारित है। फिल्म का नाम गुड़-गुड़ वैरी गुड रखा गया है फिल्म भारत की पारंपरिक मिठाई गुड के इतिहास, निर्माण, तकनीक, वैज्ञानिक लाभ व वर्तमान स्थिति को दर्शाएगी।
फिल्म में यह बताने का प्रयास किया किया गया है कि गुड भारत की पारंपरिक मिठाई है, जो कि वर्तमान पीढ़ी में अपनी पहचान खो रहा है। जबकि चीनी के मुकाबले में स्वास्थय एवं आर्थिक दृष्टि से अधिक लाभदायक है। संजीव अत्री इस फिल्म का निर्देशन संस्कृति मंत्रालय के विभाग सांस्कृतिक स्त्रोत एवं प्रशिक्षण केंद्र के लिए कर रहे हैं।
मई में वह तीन दिन की शूटिंग का एक शैड्यूल भी पूरा कर चुके हैं। फिल्म का एक गाना हाल ही में उन्होंने रिकार्ड किया है। फि ल्म को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग-अलग भागों में शूट किया जा रहा है। मुज्जफरनगर स्थित एशिया की सबसे बड़ी गुड मंडी में भी फिल्म के कई दृश्य शूट किए गए हैं। संजीव अत्री ने बताया कि यह फिल्म बच्चों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है।
हालांकि अधिकतर लोगों को भी गुड के इतिहास व इसे बनाने की विशिष्ट तकनीक की जानकारी नहीं है। सिर्फ इतना ही जानते हैं कि गन्ने के रस से गुड बनता है। फिल्म में अलग-अलग पौधों के रसों से गुड बनाने की तकनीकों व एक श्रेष्ठ एवं बिना रासायनिक पदार्थों के गुड बनाने की पारंपरिक तकनीकों को दिखाया गया है।
29 मिनट की इस फिल्म के लिए संजीव अत्री ने सात माह तक गहन शोध कार्य करके फिल्म की पटकथा लिखी। फिल्म का टाइटल गीत भी उन्होंने खुद लिखा है। इससे पूर्व भी संजीव अत्री बच्चों के लिए 15 शैक्षिक फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं। उनकी फिल्मों को राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर खूब सराहा गया है।