नाहन (शैलेंद्र कालरा) : राजगढ़ उपमंडल की देवठी मझगांव पंचायत में शुक्रवार का दिन भांग उखाड़ो अभियान में ऐतिहासिक रहा। रात करीब 8 बजे तक तीन टीमों ने पौने तीन लाख पौधों को नष्ट किया। इससे पहले जदोल टपरोली पंचायत में करीब दो लाख पौधे नष्ट किए गए थे। पौधों की स्थिति देखकर यही अंदाजा लगाया जा रहा था कि हाई क्वालिटी चरस तैयार हो सकती है, जिसकी मार्किट वैल्यू दो से तीन लाख रुपए कम से कम हो सकती थी।
बकायदा पुलिस ने क्षेत्र में लाउड स्पीकर के माध्यम से ग्रामीणों को भांग उखाडऩे के लिए प्रेरित किया। इसमें भी कोई दो राय नहीं है कि ग्रामीणों ने भी पुलिस का बढ़-चढ़ कर सहयोग किया। हालांकि बीच-बीच में टीम के सदस्यों को मजाकिया अंदाज में यह भी कहते सुने गए कि बड़ा नुकसान करवा दिया है। चलिए, अब बताते हैं कि 6 हजार क्विंटल का आंकड़ा एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने कैसे तैयार किया है ……
पौने तीन लाख पौधों को नष्ट करने का सरकारी आंकड़ा है। इसमें 80 फीसदी पौधे 12 फीट ऊंचे थे। अब आप मान लीजिए, एक पौधे से 200 से 300 ग्राम चरस मिलती तो पौने तीन लाख पौधों से कम से कम 6 करोड़ ग्राम चरस का उत्पादन हो सकता था।
एमबीएम न्यूज के इस आंकड़े में न्यूनतम आधार पर अंकगणित बनाया गया है। 6 करोड़ ग्राम का मतलब सीधे-सीधे 6 हजार क्विंटल है। अब इसकी कीमत को लेकर बात पाठकों पर ही छोड़ रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि सिरमौर के राजगढ़ उपमंडल में कई मलाणा छिपे हैं।
इस अंकगणित को जब इस अभियान के सूत्रधार रहे डीएसपी राजगढ़ योगेश रोल्टा से पूछा गया तो उन्होंने इतना तो माना कि एक पौधे से कम से कम 200 से 300 ग्राम के बीच चरस का उत्पादन हो सकता है।