सोलन (एमबीएम न्यूज) : देवभूमि के सबसे विकसित जनपद में शुमार हो चुके सोलन ने वीरवार को अपना 44वां जन्मदिन मनाया। जनपद का गठन 1 सितंबर 1972 को हुआ था। एमबीएम न्यूज को मिली एक दुलर्भ तस्वीर के मुताबिक इस जिले का उदघाटन तत्कालीन मुख्यमंत्री व प्रदेश निर्माता डॉ. वाईएस परमार ने किया था। 5200 फीट की ऊंचाई पर जनपद का मुख्यालय है।
विकिपीडिया के मुताबिक शहर का नामांकन मां शूलिनी देवी से जुड़ा हुआ है। भगाट रियायत की सोलन राजधानी रही। शहर को मशरूम सिटी ऑफ इंडिया से भी जाना जाता है। हैरीटेज के लिहाज से भी शहर की अहमियत है। इसमें मुख्य तौर पर शूलिनी देवी मंदिर, चर्च, रेलवे स्टेशन व मोहन शक्ति नेशनल हैरीटेज पार्क इत्यादि शामिल हैं। इस जनपद के मुख्य व्यंजन पूड़े, लुश्के, पटांडे व सिड्डू इत्यादि हैं।
जनपद का इतिहास पांडवों के काल से शुरू होता है। 1815 में ब्रिटिश हुकूमत ने भगाट रियासत पर कब्जा जमा लिया था। ब्रिटिश हुकूमत ने सोलन को सैन्य क्षेत्र के मकसद से बसाया। 1855 में सोलन बू्ररी को स्थापित किया, क्योंकि यहां प्रचूर मात्रा में मिनरल वाटर उपलब्ध था। 1950 में सोलन नगर परिषद वजूद में आई।
नगर परिषद के पूर्व पार्षद विशाल वर्मा का कहना है कि जिला के गठन का 44वां बर्थ डे खामोशी में ही रहा। उन्होंने कहा कि कोशिश की जाएगी, अगले साल से इस दिन कोई आयोजन हो, ताकि जिलावासियों को इतिहास से रू-ब-रू करवाया जा सके।