शिमला, 27 मार्च : हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने निदेशक उच्च पर आरोप लगाया है कि विदेश जाने वाले शिक्षकों के चयन में विभाग ने पिक एंड चूज नीति को अपनाया है। उसकी तरफ से शिक्षकों को विदेश भेजने को लेकर 10 अलग-अलग पत्राचार के माध्यम से शिक्षकों को चयन कर एसपीडी कार्यालय को नामों की सूची भेजी थी। बाद में 2 मार्च को निदेशक उच्च ने पहले स्क्रीनिंग कमेटी के द्वारा चयनित शिक्षकों को बदलकर नए नाम या कुछ नाम काट दिए गए है।
संघ ने कहा कि जब एक बार स्क्रीनिंग कमेटी ने चयन कर किसी शिक्षक को योग्य घोषित कर नाम स्पॉन्सर कर दिया है तो बाद में उसे सूची से हटाना कितना उचित और सही है। इस पर हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने प्रश्न चिन्ह खड़ा किया है। अध्यापक संघ ने इसकी शिकायत शिक्षा मंत्री एवं सचिव शिक्षा राकेश कंवर से भी की है।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने लिखित में दी शिकायत में सरकार से इस पर कार्रवाई करने की मांग की गई थी, जिस पर शिक्षा सचिव ने कार्रवाई करने के आश्वासन दिए थे। संघ यह जानना चाहता है कि दूसरे चरण के इस विदेशी भ्रमण से पहले क्या कार्रवाई प्रक्रिया पूरी हो गई है। उन्होंने अपनी पिछली सूची को दरकिनार कर नई सूची तैयार कर एसपीडी कार्यालय को भेजी है, जिसमें कुछ शिक्षकों के नाम काट दिए गए है।
वीरेंद्र चौहान ने यह भी आरोप लगाया कि जिस तरह से कोटा निर्धारित किया गया था उसके तहत शिक्षकों को नहीं भेजा जा रहा है। उदाहरण के लिए मुख्य अध्यापकों के वर्ग से 20 मुख्य अध्यापक को विदेश जाना था जिसमें से 9 को ही भेजा जा रहा है। संघ ने बताया कि 900 मुख्याध्यापकों में से क्या 9 ही मुख्य अध्यापक शर्तों को पूरा करते हैं। बाकी मुख्य अध्यापकों को क्या विदेश भेजने की जरूरत नहीं है। यह कुछ प्रश्न है जो सरकार और विभाग को कटघरे में खड़ा करता है।