शिमला, 25 फरवरी : स्कूलों में कार्यरत मल्टीटास्क वर्कर्स (Multi Task Workers) ने पॉलिसी में संशोधन के लिए मुख्यमंत्री को पत्र भेजा है। मल्टीटास्क वर्कर्स ने अब 26 फरवरी को चौड़ा मैदान से विधानसभा (HP assembly) तक रैली निकालने का भी निर्णय लिया है, जिसमें पूरे प्रदेश से मल्टी टास्क वर्कर शामिल होंगे। मल्टीटास्क वर्कर्स का कहना है कि शिक्षा विभाग में 2021-22 में करीब 8000 मल्टीटास्क वर्कर्स की भर्ती हुई थी।
अधिकतर मल्टीटास्क वर्कर्स विधवा, विकलांग, बीपीएल और अति निर्धन वर्ग से नियुक्त हुए हैं। शुरू में हमें पार्ट टाइम नियुक्त किया गया था, लेकिन अब दैनिक भोगी के बराबर कार्य कर रहे हैं। इनका कहना है कि हमारा कार्य सुबह 9:00 बजे से 4:30 बजे तक रहता है। वेतन केवल 10 महीना का दिया जाता है, लेकिन काम पूरे 12 महीने करवाया जाता है।
मल्टीटास्क वर्कर्स का कहना है कि 2 महीने का वेतन भी काटा जा रहा है, जिससे कि हमें छुट्टी भी नहीं दी जाती। साथ ही छुट्टी वाले दिन भी हम स्कूल की देखरेख करते हैं, जिसके लिए हमें मासिक वेतन 5625 मिलता है, जिसमें परिवार का गुजर बसर करना बेहद मुश्किल है।
मल्टीटास्क वर्कर्स ने सरकार से मांग की है कि वेतन में बढ़ोतरी और साथ रेगुलर भी किया जाए। इसके साथ ही पार्ट टाइम का टैग हटाकर मल्टी टास्क वर्कर का दर्जा दिया जाए।