शिमला, 22 फरवरी : देवता जुन्गा के प्राचीन एवं मूल मंदिर बनोग ठूंड में आगामी 01 और 02 मार्च को शांद महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें देवता घनेणा जुन्गा, देवता धनचंद ठूंड के अतिरिक्त तत्कालीन क्योंथल रियासत के चौथे इष्ट एवं राजा खुश विक्रम सिंह सेन और राजमाता विजय ज्योति सेन के सहित 24 देवठियों के कारदार सहित हजारों लोग भाग लेगें।
मंदिर समिति के भंडारी इंद्र सिंह ठाकुर और कारदार रंजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि करीब दो शताब्दी पुराने देवता जुन्गा मंदिर बनोग का जीर्णोद्धार किया गया है। अब इस मंदिर की शुद्धि और देवता के पुनर्स्थापन के लिए आगामी 01 और 02 मार्च को शांद महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है।
इंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि पहली मार्च की सांय को कुरूड़ स्थापित किया जाएगा, जोकि मंदिर की शांद महायज्ञ का प्रमुख हिस्सा होने के साथ साथ लोगों के आकर्षण का केंद्र होता है। उन्होंने बताया कि 29 मार्च को देवता जुन्गा के सभी कल्याणें कुरूड़ की तैयार करने के लिए सतलाई वन को जाएंगे और पहली मार्च को कुरूड़ उठा कर बनोग लाएंगे।
उन्होंने बताया कि कुरू़ड़ के लिए समूचे पेड़ को विशेष मुहुर्त में काटा जाता है और तैयार करने के उपरांत इसे लोग उठाकर मंदिर के शीर्ष पर रखते हैं। इसके विशेष बात यह है कि जब कुरूड़ को वन से उठा दिया जाता है तो उसे कहीं पर भी जमीन पर नहीं रखते, बल्कि मंदिर पहुंचने पर सीधे तौर पर मंदिर के शीर्ष पर विशेष मुहुर्त और पारंपरिक पूजा के साथ में रखा जाता है। 2 मार्च को देवता जुन्गा का भंडारा होगा। इस शांद महायज्ञ में समूचे क्षेत्र के हजारों आदमी अपनी हाजिरी भरेंगे।