शिमला, 17 फरवरी : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार दूसरे वर्ष भी 20 साल पुरानी ऑल्टो कार (HP55-2627) को स्वयं चलाकर बजट पेश करने पहुंचे। हालांकि, इसके अलावा भी सीएम द्वारा ऑल्टो कार (Alto Car) का इस्तेमाल किया जा चुका है, लेकिन अरसे से सीएम को ऑल्टो कार में नहीं देखा जा रहा था। शनिवार को एक बार फिर सीएम की ऑल्टो कार विधानसभा (Himachal Assembly) पहुंची। लिहाजा, एक बार खुसफुसाहट शुरू हो गई।
खैर, कार के इस्तेमाल को लेकर मुख्यमंत्री का अपना नजरिया हो सकता है, लेकिन ये बात काफी हद तक सही हो सकती है कि सीएम के लिए ये कार सौभाग्यशाली है। साधारण शब्दों में इसे ‘गुड लक’ कार भी कहा जा सकता है। दीगर है कि गत वर्ष भी मुख्यमंत्री बजट सत्र (budget session) के पहले दिन इसी ऑल्टो कार में पहुंचे थे।
एक अहम कार्यक्रम में भी मुख्यमंत्री ऑल्टो कार में ही जाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा व प्रोटोकॉल (Security and Protocol) का हवाला देकर उन्हें रोक दिया गया था। इसमें कोई दो राय नहीं है कि मुख्यमंत्री मानवीय संवेदनाओं का उदाहरण कई बार दे चुके हैं। हाल ही में भी डोडरा क्वार (Dodra Kwar) से नन्हीं बच्ची व बुजुर्ग रोगी को एयरलिफ्ट (Airlift) करवाने में अहम भूमिका निभाई थी।
बहरहाल, बेशक ही सवाल ये उठाया जा रहा हो कि ऑल्टो कार में आना दिखावा है, लेकिन असल में काफी हद तक ये प्रतीत हो रहा है कि मुख्यमंत्री कार को सौभाग्यशाली मानते हैं। इसी में न केवल बैठ, बल्कि इसे चलाकर गंतव्य तक पहुंचते हैं। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के साथ शनिवार को शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर भी ऑल्टो कार में ही विधानसभा पहुंचे थे।
क्या है मुख्यमंत्री की कार का स्टेटस…
ये कार मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नाम पर ही 9 अप्रैल 2003 को पंजीकृत हुई थी। कार की फिटनेस 21 दिसंबर 2028 तक है। पीयूसीसी (PUCC) की वैधता 22 मई 2024 तक है। सीएम की कार की इंश्योरेंस अवधि 3 दिसंबर 2024 तक की है। मुख्यमंत्री द्वारा ये ऑल्टो कार फाइनेंस (Finance) करवाई गई थी। सीएम के गृह क्षेत्र नादौन के आरएलए में पंजीकरण हुआ था। यानि, मुख्यमंत्री की कार के दस्तावेजों में लेशमात्र भी कमी नहीं है।