नाहन, 09 फरवरी : हिमाचल प्रदेश में सबसे पुराने महाविद्यालयों की फेहरिस्त में शामिल “नाहन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय” 60 वर्ष का हो चुका है। अगस्त 1963 में यहां कक्षाएं शुरू हुई थी। दरअसल, पूर्व छात्र संघ ने 11 फरवरी को महाविद्यालय के पूर्व छात्रों के लिए “अभिनंदन समारोह” का ऐलान किया है। इसी कारण महाविद्यालय के स्थापना वर्ष का भी स्मरण हुआ है। 60 प्रतिष्ठित वर्षों में महाविद्यालय ने देश व विदेश के लिए ऐसे छात्रों की ब्रिगेड को तैयार किया है, जो दुनिया भर में अलग-अलग क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का डंका बजा रहे हैं।
हालांकि, इस बात के आंकड़े उपलब्ध नहीं है कि कॉलेज से 60 सालों के दौरान कितने छात्र पास आउट हुए, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक आंकड़ा एक से दो लाख के बीच का हो सकता है। 80 के दशक तक महाविद्यालय में संध्याकालीन कक्षाएं भी हुआ करती थी। लंबी जद्दोजहद के बाद कॉलेज को करीब 10-12 साल पहले शहर से करीब तीन किलोमीटर बनोग में भव्य भवन मिला। इससे पहले चौगान के किनारों पर कॉलेज का परिसर दो हिस्सों में था।
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शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला के समीप के साथ लगते भवन में आर्ट्स व कॉमर्स संकाय की कक्षाएं संचालित होती थी, जबकि दिल्ली गेट के समीप विज्ञान संकाय हुआ करता था। अब ये भवन मेडिकल कॉलेज व आयुर्वेदिक विभाग को दिए जा चुके है।
अमर बोर्डिंग में छात्राओं का हॉस्टल भी संचालित होता था। कॉलेज के भवन के लोकार्पण के बाद इसका नाम हिमाचल निर्माता डॉक्टर वाईएस परमार के नाम पर किया गया। लिहाजा अब पहचान डॉ वाईएस परमार स्नातकोत्तर महाविद्यालय के तौर पर होती है। गौरतलब है कि पुराने कॉलेज के आर्ट्स परिसर रियासत काल में घोड़ों का अस्तबल हुआ करता था इसके बाद ये हिस्सा शमशेर वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का हिस्सा भी रहा। 1963 के बाद यहां कॉलेज की शुरुआत हुई।
कॉलेज के नव परिसर का निर्माण पहले फाउंड्री परिसर में करने का निर्णय हुआ था लेकिन बाद में महाविद्यालय परिसर का निर्माण बनोग में हुआ, जिसका उद्घाटन दिवंगत मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह द्वारा 25 सितंबर 2017 को किया गया।
2021 में कॉलेज को राष्ट्रीय मूल्यांकन और प्रत्यायन परिषद (NAAC) से मान्यता हासिल हुई। इस उपलब्धि ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, नवाचार और निरंतर सुधार के प्रति संस्थान के समर्पण की तस्दीक की थी। मान्यता ने न केवल शैक्षणिक उत्कृष्टता के प्रति कॉलेज की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, बल्कि शिक्षा में वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए तत्परता को भी साबित किया था। उल्लेखनीय है कि पहले महाविद्यालय को गुरु राम राॅय काॅलेज के नाम से भी पहचाना जाता था।
महाविद्यालय के पहले बैच के छात्र व पूर्व छात्र संघ के अध्यक्ष प्रोफेसर अमर सिंह चौहान ने एमबीएम न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में कहा कि जब कॉलेज में पहली बार कक्षाएं शुरू हुई थी तो जगह कम पड़ गई थी। उनका कहना था कि “अभिनंदन समारोह” के माध्यम से पूर्व छात्रों को एक कड़ी में पिरोने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि पूर्व छात्र संघ द्वारा महाविद्यालय के छात्रों खासकर लड़कियों के लिए हॉस्टल व पुस्तकालय इत्यादि की सुविधा उपलब्ध करवाने पर विचार चल रहा है, क्योंकि महाविद्यालय का अपना परिसर शहर से करीब तीन से चार किलोमीटर दूर है लिहाजा छात्रों को शहर के भीतर भी सुविधा प्रदान करने की कोशिश की जा रही है।
उन्होंने कहा कि करीब 200 पूर्व छात्रों ने आजीवन सदस्यता ग्रहण की है। आंकड़ा बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्व छात्र संघ यह भी चाहता है कि अलग-अलग क्षेत्र में मुकाम हासिल करने वाले स्टूडेंट की जानकारी मिले, ताकि आने वाले समय में आयोजित होने वाले समारोह में उन्हें भी सम्मानित किया जा सके। 11 फरवरी को महाविद्यालय परिसर में आयोजित होने वाले अभिनंदन समारोह में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहेंगे, जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर विधायक अजय सोलंकी उपस्थिति दर्ज करेंगे।