चंबा , 01 फरवरी : हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के हिस्सों में हुई बर्फबारी(snowfall) किसानों व बागवानों के लिए संजीवनी बनी हुई है। उधर, चंबा के जनजातीय क्षेत्र पांगी घाटी में वीरवार को रिकॉर्ड तोड़ बर्फबारी हुई है। घाटी के मुख्यालय किलाड़ में एक फीट के करीब ताजा हिमपात हुआ है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में दो फीट के करीब ताजा हिमपात हुआ है। घाटी का शेष दुनिया से संपर्क कटा हुआ है। मौजूदा समय में घाटी की 19 पंचायतों के लोग घरों में कैद हो गए है। बिजली व्यवस्था समेत सड़क मार्ग ठप (Road blocked) हो गए है।
परमार, सुराल, चसग, हिलूट वान, शुण समेत करयूनी सेरी में दो फीट तक ताजा हिमपात हुआ है। बर्फबारी की वजह से पांगी का जनजीवन प्रभावित हुआ है। घाटी के 15 बिजली ट्रांसफार्मर बंद पड़ गए हैं। पांगी के पंचायत रेई, थांथल, शौर, कुमार, परमार व प्रेग्रा की बिजली आपूर्ति बाधित हुई है। बिजली गुल होने के चलते इन पंचायतों के दायरे में आने वाले गांव को अगले कुछ दिनों तक सर्द रातें अंधेरे में काटनी पड़ सकती है। उधर, तहसीलदार पांगी शांता कुमार ने बताया कि घाटी में हो रही लगातार बर्फबारी के कारण लोगों को संवेदनशील क्षेत्रों की ओर न जाने की हिदायत दी गई है।
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बर्फबारी से निपटने के लिए प्रशासन की व्यवस्था
पांगी घाटी में लगातार हो रही बर्फबारी के बाद प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है। 19 पंचायतों के प्रधानों से संपर्क किया जा रहा है। प्रशासन से आपदा के दौरान हर पंचायत में स्थानीय युवाओं की टीम बनाई हुई है। जो गांव में बर्फबारी के कारण आपदा से निपटने के लिए हमेशा तैयार रहेगी। मौजूदा समय में पांगी से बाहर आने के रास्ते केवल दो है, जिनमें वाया कुल्लू मनाली लाहौल के राहूली नामक स्थान पर भारी भूस्खलन के चलते बंद पड़ा हुआ है। वहीं वाया जम्मू कश्मीर से भारी बर्फबारी के कारण बंद हुआ है।
पांगी के कई गांव में मंडराया हिमखंड का खतरा
पांगी घाटी के ग्राम पंचायत सेचू के मुर्छ गांव पर एक बार फिर हिमखंड का खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि गांव में दो बार आपदा आ चुकी है। वर्ष 2020 में मूर्छ गांव में करीब 6 फीट बर्फबारी हुई थी। इस दौरान गांव में आए हिमखंड ने 5 परिवारों को बेघर कर दिया था। गांव 12 हजार की ऊंचाई पर है। ऐसे में यहां अब तक तीन फीट तक बर्फबारी हो चुकी है। मुर्छ गांव में करीब 35 परिवार रहते है। गांव की पंचायत तकरीबन 8 किलोमीटर दूर है, हालांकि पांगी प्रशासन से गांव की स्थिति जानने के लिए वार्ड सदस्य से संपर्क किया जा रहा है।