शिमला, 28 जनवरी : विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा लोगों को दी गई दस गारंटियां पूर्ण रूप से झूठी साबित हुई है। सरकार बनने के उपरांत 13 मास बीत चुके हैं परंतु अभी तक लोगों को गारंटियों के नाम पर केवल झुनझुना मिला है।
जिला शिमला भाजपा अध्यक्ष प्रेम ठाकुर ने रविवार को जारी बयान में यह आरोप प्रदेश की कांग्रेस सरकार पर लगाए हैं। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने प्रदेश की महिलाओं को 1500 रुपए प्रति माह देने के नाम पर ठगा है जिसका जवाब प्रदेश की महिलाएं आगामी लोकसभा चुनाव के दौरान देगी। इसी प्रकार प्रदेश के कर्मचारियों और पेंशनरों को बीते एक साल से महंगाई भत्ता की देय किश्त भी जारी नहीं की है। जबकि प्रदेश सरकार ने अपने 13 महीने के कार्यकाल में 14 हजार करोड़ का ऋण लेकर प्रदेश को कर्ज में डुबोया है।
प्रेम ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में सुख की सरकार जनता के लिए दुःख की सरकार बन गई है। भाजपा जिला शिमला का जिक्र करते हुए प्रेम ठाकुर ने बताया कि जिला शिमला से तीन केबिनेट मंत्री होने के बावजूद भी विकास के नाम पर एक भी ईंट नहीं लग पाई है। उन्होने बताया कि कांग्रेस पार्टी के बीते 22 वर्षों से कसुपंटी निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व होने के बावजूद भी यह निर्वाचन क्षेत्र विकास की दृष्टि से पूरे हिमाचल प्रदेश में पिछड़ा हुआ है। इस निर्वाचन क्षेत्र में 24 सीनीयर सकैंडरी स्कूल में से केवल चार स्कूलों में विज्ञान विषय पढ़ाया जाता है।
पूरे निर्वाचन क्षेत्र में सिर्फ एक डिग्री काॅलेज है, जहां पर बीते 12 सालों में केवल आर्टस और काॅमर्स विषय पढ़ाए जाते हैं। सबसे अहम बात यह है कि उच्चतर शिक्षा के अभाव के चलते इस क्षेत्र से उच्च पदों पर पहूंचने वाले युवाओं की संख्या शून्य है। अधिकांश बच्चे 12वीं कक्षा के उपरांत घर पर बैठ जाते हैं। अस्पातलों में स्टाफ का अभाव है स्कूलों में अध्यापकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
प्रेम ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार पर बिना बजट के ही सरकार जनता के द्वारा कार्यक्रम करने का आरोप लगाया है। बताया कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार आर्थिक बदहाली का राग अलाप रही है। वहीं दूसरी तरफ बिना बजट के ही सरकार जनता के द्वारा कार्यक्रमों के माध्यम से आम जनता को ठगने का काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गत वर्ष भयंकर बाढ़ और त्रासदी के बाद केंद्र सरकार द्वारा 1700 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता देने के बावजूद भी अभी तक इस सरकार ने सड़कों और प्रभावित क्षेत्रों की पुन बहाली के लिए कोई ठोस काम नहीं किया है।