नाहन, 25 जनवरी : अयोध्या में रामलला की मूर्ति स्थापना के बाद राम रस की गंगा रुकने का नाम नहीं ले रही है। सिद्ध शक्तिपीठ अघोरी लाल गिरी महाराज की तपोस्थली में वीरवार को भव्य संत समागम भी हुआ। 17 जनवरी से लगातार चल रही श्री राम कथा के समापन के मौके पर हजारों की तादाद में राम भक्तों ने अपनी उपस्थिति भी दर्ज की।
इस मौके पर विशेष सिद्ध लगन के अनुसार जिस दिन रामलला अपने गर्भगृह में विराजे थे। उसी दिन भगवान दत्तात्रेय जी की मूर्ति की भी स्थापना की गई थी। बता दें कि नाहन विधानसभा क्षेत्र की यह पहली भगवान दत्तात्रेय की मूर्ति है, जिसे अघोरी कुटी में स्थापित किया गया है। इस भव्य संत समागम कार्यक्रम का आयोजन महान शिवदत्त गिरी महाराज के शिष्य नागा बाबा हरिओम गिरी के द्वारा किया गया था। श्री राम कथा प्रख्यात कथा व्यास सोमदत्त गिरी के मुखारविंद से आयोजित हुई। इस दौरान आयोजित भजन-कीर्तन में महिलाओं के द्वारा नाच गाकर रामलला के गर्भगृह में स्थापित होने की खुशी मनाई गई।
नागा बाबा हरिओम गिरी के द्वारा प्रदेश व साथ लगते राज्य हरियाणा और उत्तरांचल के प्रमुख मंदिरों, मठों व शक्तिपीठों से आई संत महात्मा को सम्मानित भी किया गया। नागा बाबा हरिओम गिरी ने बताया कि संत समाज भगवान राम लाल के गर्भगृह में स्थापित और मंदिर निर्माण के 500 वर्षों के संघर्ष को लेकर बहुत खुश है। उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्म की सबसे बड़ी जीत है, जिसे हर वर्ष उत्सव की तरह ही मनाया जाएगा। वहीं आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे श्रद्धालुओं ने एक ही स्थान पर इकट्ठा हुए और सिद्ध संतों के दर्शनों का जमकर लाभ भी उठाया। इस भव्य कार्यक्रम में उत्तर भारत की महान संत महंत मीरा पुरी, महाराज भवानी गिरी, बिंदु गिरी, पारस बृहस्पति, नाथ कोतवाल गिरी जी महाराज जैसे बड़े संत भी मौजूद रहे।
महंत मीरा पुरी ने बताया कि हमारा यह जीवन और तपस्या सफल हो गई है क्योंकि भगवान श्री राम अब अपने गर्भगृह में स्थापित हो गए हैं।बता दें कि प्रदेश के नाहन में लाल गिरी महाराज का यह एकमात्र ऐसा स्थान है जो रियासत काल में भी चमत्कारिक प्रभावों से युक्त रहा है। बताया जा रहा कि अघोर सिद्ध लाल गिरी जी इच्छा वेशधारी तथा परा शक्तियों के दम पर देश और दुनिया में कहीं भी विचरण कर लिया करते थे। उनके चमत्कारों के किस्से आज भी काफी चर्चित माने जाते हैं।
इस स्थान पर सच्चे मन से कोई कामना करता है तो वह कामना निश्चित ही पूर्ण होती है और काला जादू का प्रभाव इस स्थान पर माथा टेकने के बाद खुद ही खत्म हो जाता है।बरहाल भव्य राम कथा के समापन और भगवान दत्तात्रेय जी की मूर्ति स्थापना के उपलक्ष पर विशाल भंडारे का भी आयोजन किया गया। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।