शिमला,06 जनवरी : राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के पहले चरण में हिमाचल के सरकारी विभागों के साथ इलेक्ट्रिक टैक्सी जोड़ने की योजना में 1000 से ज्यादा आवेदन आए हैं। परिवहन विभाग ने इसकी तिथि बढ़ा दी थी। अब इन आवेदकों की स्क्रीनिंग ड्राइविंग टेस्ट और इंटरव्यू के जरिए होगी। यह प्रक्रिया श्रम एवं रोजगार विभाग को भी दी जा सकती है। इस योजना का नोडल डिपार्टमेंट श्रम एवं रोजगार विभाग ही है। परिवहन विभाग सिर्फ ई-टैक्सी की औपचारिकता पूरी करवाने के लिए ही बीच में आया है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कांग्रेस के घोषणा पत्र की गारंटी को लागू करते हुए राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तहत 680 करोड़ खर्च करने की घोषणा की है। इसके पहले चरण में ई टैक्सी और दूसरे चरण में सोलर पावर प्रोजेक्ट पर राज्य सरकार सब्सिडी देगी।
इलेक्ट्रिक टैक्सी पर भी 50 फीसदी सब्सिडी सरकार की ओर से है। एक हजार आवेदकों में से अब कितने आवेदन इलेक्ट्रिक टैक्सी के लिए सरकार अप्रूव कर पाती है, यह निर्भर करेगा सरकारी विभागों द्वारा दी जाने वाली डिमांड से। क्योंकि इन इलेक्ट्रिक टैक्सियों को सरकारी विभागों के साथ अटैच किया जाएगा। अब जमा दो पास आवेदक के साथ-साथ मैट्रिक पास आवेदन के लिए भी सरकार ने नियमों को बदल दिया है।